हर घर तिरंगा कार्यक्रम के असर से बंगाल में तिरंगे की बढ़ी डिमांड

हावड़ा। आजादी की 75वीं वर्षगांठ पर ”हर घर तिरंगा”  कार्यक्रम का देशभर में व्यापक असर देखने को मिल रहा है। इसके तहत सरकारी और निजी भवनों सहित देश के करोड़ों घरों पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने की योजना अपनाई गई है। इसका प्रभाव पश्चिम बंगाल में भी देखने को मिला। देश के अन्य राज्यों की तरह बंगाल में भी तिरंगे की मांग बढ़ गई है। यही कारण है कि हावड़ा जिला स्थित झंडा बनाने की फैक्ट्रियों में व्यस्तता बढ़ी हुई है। मांग इतनी ज्यादा है कि कारखाने के कर्मचारी खाना-पीना भूल कर लगातार काम कर रहे हैं।

जिले के जगाछा के उन्शानी में झंडा बनाने की फैक्ट्री के कर्मचारी रात में खाना-पीना भूल कर अपने काम में लग हुए हैं। यहां छोटे, बड़े और मध्यम आकार के राष्ट्रीय झंडे तैयार किये जा रहे हैं। यहां से ये ध्वज असम, त्रिपुरा, ओडिशा, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल के हर जिले में जा रहे हैं। इसके अलावा उत्पादन का एक बड़ा हिस्सा कोलकाता के व्यापारियों द्वारा भी खरीदा जा रहा है। वहां से झंडा कोलकाता के विभिन्न हिस्सों में भेजे जा रहे है।

उल्लेखनीय है कि आजादी की 75वीं वर्षगांठ पर इस साल स्वतंत्रता दिवस से पहले ”हर घर तिरंगा” कार्यक्रम की घोषणा की गई है। यह कार्यक्रम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित ”अमृत महोत्सव” का हिस्सा है। इसके तहत प्रधानमंत्री ने न केवल घर की छत पर झंडा फहराने का अनुरोध किया, बल्कि फेसबुक, ट्विटर समेत सोशल मीडिया प्रोफाइल पर भी राष्ट्रीय ध्वज लगाने के लिए कहा।

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