चेन्नई। तमिलनाडु सरकार सट्टेबाजी और जुआ सहित ऑनलाइन गेम पर प्रतिबंध लगाने के लिए तत्काल प्रभाव से एक अध्यादेश लाने के लिए तैयारी कर रही है। मद्रास हाई कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति के. चंद्रू की अध्यक्षता में राज्य सरकार द्वारा गठित एक उच्च स्तरीय समिति ने ऑनलाइन गेम पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की थी। समिति ने 27 जून को मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन को अपनी रिपोर्ट सौंपी। राज्य के मुख्य सचिव वी. इराई अंबू ने ऑनलाइन सट्टेबाजी और जुए पर प्रतिबंध लगाने के लिए शनिवार को शीर्ष अधिकारियों के साथ एक बैठक की, जिसमें कहा गया सभी ऑनलाइन खेलों पर सख्त प्रतिबंध लगाना संभव नहीं है।
इसके बजाय, सरकार खेलों को प्रतिबंधित और ऑनलाइन गेम पर बिताए गए समय को सीमित करने पर ध्यान केंद्रित करें। इससे ऑनलाइन गेम्स पर खर्च होने वाली राशि पर भी रोक रहेगी। ऑनलाइन गेम के कारण पिछले तीन वर्षों में 17 लोगों ने आत्महत्या की है। सरकार द्वारा गठित समिति ने रिपोर्ट दी है कि ऑनलाइन गेम खेलने वालों के लिए एक लत बन गई है और इसमें भारी मात्रा में पैसे की बबार्दी होती है। केंद्र सरकार उद्योग को विनियमित करने के लिए नए कानून लाने या मौजूदा कानून में बदलाव करने के लिए राज्यों के साथ चर्चा कर रही है।
केंद्र सरकार के एक अध्ययन ने देश में ऑनलाइन गेम खेलने वाले लोगों की संख्या 400 मिलियन आंकी है और यह संख्या साल 2025 तक 700 मिलियन तक पहुंचने की उम्मीद है। राज्य में पट्टाली मक्कल काची (पीएमके) सहित कई राजनीतिक दल ऑनलाइन गेम पर प्रतिबंध लगाने पर जोर दे रहे हैं। हालांकि, सरकार के सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि यदि पूर्ण प्रतिबंध लागू किया जाता है, तो इसे कई कानूनी लड़ाईयां लड़नी पड़ सकती हैं। इसलिए सरकार खेल के नियम बदलने और उसे रेगुलेट करने पर विचार कर रही है, जिसमें ऑनलाइन गेम खेलने के लिए एक निश्चित अवधि में केवल एक सीमित राशि खर्च करने की अनुमति होगी।