कोलकाता। कलकत्ता उच्च न्यायालय की एकल-न्यायाधीश पीठ ने सोमवार को 2021 के विधानसभा चुनावों के बाद पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले में हुई हिंसा के आरोपी 13 लोगों की जमानत याचिका खारिज कर दी। न्यायमूर्ति देबांगसू बसाक ने कहा कि चूंकि सीबीआई मामले की जांच कर रही है, इसलिए 13 आरोपियों को जमानत देने से जांच की कार्यवाही प्रभावित हो सकती है। न्यायमूर्ति बसाक ने यह भी कहा कि अभी तक इस बात का कोई सबूत नहीं है कि आरोपी अपराध में शामिल नहीं थे।
इससे पहले निचली अदालत ने 13 आरोपियों को जमानत दे दी थी। हालांकि, सीबीआई ने इस फैसले को जस्टिस बसाक की बेंच में चुनौती दी, जिसमें मामले की विस्तृत सुनवाई के बाद यह फैसला आया कि किसी भी परिस्थिति में 13 आरोपियों को जमानत पर रिहा नहीं किया जा सकता है। पिछले साल मई में परिणाम घोषित होने के दिन से ही पश्चिम बंगाल में अलग-अलग इलाकों में हिंसा हुई थी, जहां तृणमूल कांग्रेस को भारी जीत मिली थी।
कलकत्ता उच्च न्यायालय में भाजपा और विभिन्न व्यक्तियों द्वारा अदालती मामले दायर किए गए थे, जिसमें पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद की विभिन्न हिंसा के मामलों में सीबीआई जांच की मांग की गई थी, जिसमें हत्या और बलात्कार जैसे आरोप शामिल थे। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) की टीमों को भी पिछले साल शिकायतों की समीक्षा के लिए पश्चिम बंगाल भेजा गया था।