हावड़ा । राष्ट्रीय छात्र दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय कवि संगम की दक्षिण हावड़ा इकाई द्वारा संस्था के प्रांतीय अध्यक्ष डॉ. गिरधर राय की अध्यक्षता में बंगाल के विभिन्न विद्यालयों के छात्र एवं छात्राओं के मध्य काव्य आवृत्ति की प्रतियोगिता का सफल आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का संयोजन जिलाध्यक्ष हिमाद्री मिश्रा और संचालन जिला मंत्री मनोरमा झा ने किया। मुख्य अतिथि के रूप में छत्तीसगढ़ की प्रख्यात साहित्यकार मल्लिका रुद्रा ने उपस्थित होकर कार्यक्रम की शोभा में चार चाँद लगा दी। अपने वक्तव्य में रुद्रा जी ने सभी प्रतिभागियों का हौसला अफजाई करते हुए कहा – ‘मन की पीड़ा को व्यक्त करने का सबसे सहज माध्यम है कविता’।
कार्यक्रम का आरम्भ – जिला अध्यक्षा हिमाद्री मिश्रा के द्वारा सरस्वती वन्दना एवं नीलम झा द्वारा स्वागत भाषण की प्रस्तुति के साथ हुआ। तदोपरांत स्वागता बसु ने उपस्थित सभी प्रतिभागियों को प्रतियोगिता के नियमों की जानकारी दी। इस काव्य आवृत्ति प्रतियोगिता का आयोजन दो वर्गों में किया गया। पहले वर्ग ‘अ’ में कक्षा 2 से लेकर कक्षा 5 तक के छात्रों ने एवं दूसरे वर्ग ‘ब’ में कक्षा 8 से लेकर कक्षा 12 तक के छात्रों ने हिस्सा लिया।
वर्ग ‘अ’ में जिन प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया, उनके नाम हैं – वैभव कुमार चौधरी, अद्विक शर्मा, प्रणीशा मिश्रा, जयश्री झा, ख़ुशी कटारुका, मोहिनी गुप्ता, मनस्वी गुप्ता एवं अहन मिश्रा एवं वर्ग ‘ब’ में प्रत्युष रंजन, कृष कटारुका, वशिष्ठ रूंगटा, आरव अग्रवाल, आयुषी ठाकुर, आयुषी मिश्रा, शाम्भवी सिंह, नैना झा, भूमि झा एवं ओम झा। इन्होनें – दिनकर, निराला, सुभद्रा कुमारी चौहान, द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी आदि की कविताओं को अपनी अपनी शैली में प्रस्तुत कर, सभी का मन मोह लिया।
प्रतिभागियों को उचित मार्गदर्शन देते हुए, उपस्थित निर्णायक – श्यामा सिंह, स्वागता बासु एवं सुषमा राय पटेल ने उन्हें – कविता कंठस्थ करने की सलाह दी। प्रांतीय महामंत्री रामपुकार सिंह ने बच्चों के जज्बे को सराहा और उन्हें समझाया कि ‘किसी भी कला में प्रवीण होने के लिए अभ्यास करते रहना बेहद ज़रूरी है’। मध्य कोलकाता के अध्यक्ष रामाकांत सिन्हा ने भी छात्रों की प्रशंसा करते हुए कहा कि हो सकता है इन्हीं में से कोई आगे चलकर ‘दिनकर’, ‘पन्त’ या ‘निराला’ हो जाए!
बेहद अस्वस्थ होने के बावजूद प्रांतीय अध्यक्ष डॉ. गिरधर राय ने कार्यक्रम में उपस्थित रहकर सभी प्रतिभागियों को प्रोत्साहित किया एवं ‘जहां चाह वहाँ राह’ वाली कहावत को चरितार्थ किया। प्रख्यात कवि अनिल ओझा नीरद, कवयित्री सुदामी यादव सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति और अभिभावक उपस्थित थे। अंत में नीलम झा ने धन्यवाद ज्ञापन कर यह अभूतपूर्व कार्यक्रम सुसंपन्न किया।