कोलकाता। पश्चिम बंगाल के दक्षिणी हिस्से में जूट उत्पादक जिलों में बारिश की कमी के कारण मिलों को जूट फाइबर की आपूर्ति धीमी हो गई है। एक अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी। हालांकि, मिलें 2022-23 सत्र के उत्पादन के लिए कच्चे जूट का भंडार तैयार करने के लिए तैयार हैं, लेकिन राज्य के दक्षिणी जिलों में वर्षा की कमी के कारण पौधों की रीटिंग प्रक्रिया बाधित हो गई है। जूट के रेशों को अलग करने की प्रक्रिया को रैटिंग कहते हैं।
जूट बेलर्स एसोसिएशन के सचिव ए के पालित ने कहा, ‘‘बाजार में कच्चे जूट की आपूर्ति अभी तक तेजी से शुरू नहीं हुई है। दक्षिण बंगाल में बारिश की कमी के कारण जुलाई के तीसरे और चौथे सप्ताह तक इसमें देरी होने का अनुमान है।’’ हालांकि, पश्चिम बंगाल के उत्तरी हिस्से में अच्छी बारिश हुई है और वहां से जल्द ही कच्चा जूट आने की उम्मीद है।