खड़गपुर । पूर्व मिदनापुर जिला सिंचाई एवं प्रशासन विभाग द्वारा इस वर्ष जिले में किसी भी प्रमुख नहरों की मरम्मत में कथित रूप से विफल रहने के विरोध में, “पूर्वी मिदनापुर जिला बाढ़-क्षरण निवारण समिति” ने अवैध मछली तालाबों और ईंटों के खेतों को हटाने के अपने वादे को पूरा न करने के विरोध में सोमवार को विरोध प्रदर्शन किया। आज 13 जून को बनवासी और जलबंदी क्षेत्र के प्रभावित लोग सिंचाई विभाग के जिलाधिकारी एवं अधीक्षण यंत्री के पास विरोध प्रतिनियुक्ति कार्यक्रम में शामिल हुए। प्रदर्शन के बाद कार्यालय में स्मार पत्र जमा कराया गया। इस अवसर पर तमलुक मानिकतला से जुलूस जिला सिंचाई विभाग तक निकाला गया।
अशोक तारू प्रधान, नारायण चंद्र नायक, मधुसूदन बेरा, उत्पल प्रधान, जगदीश साव और अन्य ने इसका नेतृत्व किया। विरोध सभा को संबोधित करते हुए सूर्येंदु विकास पात्रा, अशोक माईती। समिति के संयुक्त सचिव नारायण चंद्र नायक ने कहा कि आने वाले मानसून में बाढ़ को रोकने और जल निकासी व्यवस्था में सुधार के लिए, सभी सीवेज चंदवा और सभी बेकार स्लुइस गेटों की तत्काल मरम्मत की जानी चाहिए। मानसून के तुरंत बाद नालों को बदलने और मरम्मत की मांग को लेकर सिंचाई एवं जिला प्रशासन के अधिकारियों को ज्ञापन जारी कर दिया गया है।
वक्ताओं ने शिकायत की कि पिछले मानसून में जिले के सभी 25 प्रखंडों में कमोबेश बाढ़ और जलभराव का सामना करना पड़ा। उस समय जिला प्रशासन और सिंचाई विभाग ने जानकारी दी थी कि मानसून के बाद नालों की नालियों की मरम्मत की जाएगी और नदी में अवैध मछली तालाबों और अवैध निर्माण को हटाया जाएगा। इसी प्रकार सभी अनुमंडल शासकों एवं सभी संबंधित अधिकारियों के नेतृत्व में अनुमंडल समितियों का गठन किया गया। लेकिन एक साल बाद भी प्रशासन के वादे पूरे नहीं हुए। नतीजतन, जिले के लगभग सभी प्रखंडों के निवासियों को वर्तमान मानसून की पूर्व संध्या पर बाढ़ का खतरा है।