कोलकाता । विश्व मासिक धर्म स्वच्छता दिवस के पूर्व संध्या पर पोथी-बस्ता द्वारा आभासी पटल पर एक परिचर्चा का आयोजन किया गया, जिसमें मासिक धर्म से जुड़े अनेक मुद्दों पर विचार किया गया। इसके साथ ही महीने के उन पाँच दिनों में किस प्रकार स्वच्छता व सुरक्षा का व्यवहार किया जाना चाहिए, महिलाओं को और ज़्यादा कैसे जागरूक किया जाना चाहिए, इस विषय पर खुलकर चर्चा की गयी। इसके साथ ही उन पुरानी मान्यताएं, विचारधाराओं की भी आलोचना की गई जिनका या तो कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है या फिर बदलते समाजिक स्वरूप की दृष्टि से भी उन मान्यताओं की अब कोई आवश्यकता नहीं रही है।
कामकाज़ी महिलाओं के लिए बेहतर पब्लिक टॉयलेट, मासिक धर्म अवकाश जैसी सुविधाओं के बारे में चर्चा की गयी, ग्रामीण एवं गरीब परिवार की महिलाओं के लिए फ्री पैड की व्यवस्था कराने पर भी विचार किया गया। कार्यक्रम का नाम ‘नो मोर व्हिस्पर’ इस उद्देश्य के साथ रखा गया कि अब समय आ गया है इस विषय पर खुलकर बातचीत की जाए, न सिर्फ महिलाएं बल्कि पुरुषों को भी यथासंभव जानकारी उपलब्ध कराई जाए और लोगों को इस बारे में जागरूक किया जाए।
मुख्य अतिथि व वक्ता के रूप में शामिल रहीं- प्रज्ञा गोयल गुप्ता (थिएटर आर्टिस्ट, पैड स्क्वाड), ओइन्ड्रिला घोष (विद्यार्थी व रेंजर) व कामना मिश्रा (कवयित्री, पुलिस मित्र, पर्सनालिटी ग्रूमर)। परिचर्चा का संचालन पोथी-बस्ता की संस्था-स्थापक अनु नेवटिया ने किया व टीम पोथी-बस्ता से उपस्थित रहे अमित कुमार अम्बष्ट “आमिली” व गणेश नाथ तिवारी।