नई दिल्ली । केंद्रीय कोयला मंत्रालय के मुताबिक बिजली संयंत्रों को पर्याप्त कोयला उपलब्ध कराया जा रहा है। भारत का कोयला उत्पादन मई के पहले पखवाड़े के दौरान भी अपनी रिकॉर्ड उपलब्धि को जारी रखे हुए है। इस साल अप्रैल में किया गया उत्पादन तथा आपूर्ति पहले से और अधिक बढ़ गई है। मई के पहले पखवाड़े के दौरान, कुल कोयला उत्पादन बढ़कर 33.94 मिलियन टन (एमटी) हो गया, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान 24.91 मिलियन टन के उत्पादन की तुलना में 36.23 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है। 15 मई, 2022 तक कुल 37.18 मिलियन टन कोयला आपूर्ति के लिए भेजा गया, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान 15.87 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी को दिखाता है।
अप्रैल, 2022 के पूरे महीने के लिए कुल (गैर सीआईएल कोयला उत्पादक इकाइयों सहित) 71.77 मिलियन टन कोयला डिस्पैच किया गया है, जो साल-दर-साल आधार पर 9.39 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज कर रहा है। देश में कुल कोयला उत्पादन अप्रैल 2022 में बढ़कर 67 मिलियन टन (एमटी) हो गया था, जिसमें 29.80 प्रतिशत की प्रभावशाली बढ़ोत्तरी हासिल की गई है। केंद्रीय कोयला मंत्रालय के मुताबिक कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) ने देश का कोयला उत्पादन बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और अप्रैल 2022 के महीने में 53.47 मिलियन टन का अपना उच्चतम मासिक कोयला उत्पादन प्राप्त किया है, जो साल-दर-साल आधार पर 27.64 प्रतिशत की अधिकता है।
15 मई 2022 तक, कोल इंडिया लिमिटेड का उत्पादन 26.35 मिलियन टन रहा है, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान 19.60 मिलियन टन के उत्पादन से 34.44 प्रतिशत अधिक की सकारात्मक उपलब्धि है। मंत्रालय के मुताबिक सीआईएल से अप्रैल 2022 में 57.50 मिलियन टन कोयले का कुल प्रेषण हो चुका है, जो अप्रैल 2021 में 54.23 मिलियन टन था, जिससे 6.03 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई है। समेकित आंकड़ों के अनुसार, बिजली उत्पादन के लिए कुल प्रेषण (गैर सीआईएल उत्पादन सहित) अप्रैल 2021 में 52.32 मीट्रिक टन की तुलना में 61.69 मीट्रिक टन के स्तर पर रहा है, जिसमें 17.91 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हासिल की गई है। कोयला मंत्रालय का कहना है कि वह निरंतर आर्थिक विकास और मौसमी कारकों के कारण देश में बढ़ती बिजली की मांग को पूरा करने के लिए कोयला उत्पादन बढ़ाने तथा इसे गंतव्य स्थल तक तेजी से पहुंचाने के लिए सभी प्रयास जारी रखे हुए है।