वाम मोर्चे की सरकार के दौरान एक कागज के टुकड़े पर नाम लिखकर देने से मिल जाती थी नौकरी : ममता बनर्जी

कोलकाता । पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को सार्वजनिक सेवा के लिए कमीशन की प्रथा के खिलाफ सख्त चेतावनी जारी की। मुख्यमंत्री ने झारग्राम में एक जनसभा संबोधित करते हुए कहा, “मैं लोगों से प्रत्यक्ष नकद हस्तांतरण लाभ योजना के तहत निर्धारित राशि से कम राशि स्वीकार नहीं करने के लिए कह रही हूं। यदि कोई आपसे कम राशि स्वीकार करने के लिए कहता है, तो उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराते हुए शिकायत करें। किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।”

पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (डब्ल्यूबीएसएससी) भर्ती में अनियमितताओं के मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री और तृणमूल कांग्रेस के महासचिव पार्थ चटर्जी से पूछताछ की घटना का सीधे जिक्र किए बिना, मुख्यमंत्री ने भाजपा और केंद्र सरकार पर एक तीखा हमला बोला। मुख्यमंत्री ने कहा, “बीजेपी हारने के बाद ईष्र्या कर रही है। इसलिए अब वे हमारे खिलाफ कुछ केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल कर रहे हैं। बीजेपी पर भरोसा न करें।”

इस अवसर पर बोलते हुए, मुख्यमंत्री ने भर्ती अनियमितताओं पर पश्चिम बंगाल में पूर्ववर्ती वाम मोर्चा सरकार पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा, “वाम मोर्चे की सरकार के दौरान एक कागज के टुकड़े पर नाम लिखकर देने से ही नौकरी मिल जाती थी।” उन्होंने आगे कहा, “यहां तक कि कागज के टुकड़े पर की गई सिफारिश के आधार पर स्थानांतरण भी किए गए थे। मैंने अभी तक केवल शिष्टाचार के कारण अपना मुंह नहीं खोला था, लेकिन अब मैं सब बेनकाब कर दूंगी।”

ममता बनर्जी की टिप्पणियों का मजाक उड़ाते हुए, माकपा केंद्रीय समिति के सदस्य और पश्चिम बंगाल विधानसभा में वाम दलों के पूर्व नेता, डॉ. सुजान चक्रवर्ती ने कहा कि पहले मुख्यमंत्री को अपनी सरकार और कैबिनेट सहयोगियों को भ्रष्टाचार के आरोपों से बचाने की कोशिश करनी चाहिए। पश्चिम बंगाल में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और पार्टी के लोकसभा सदस्य सुकांत मजूमदार ने कहा कि जब भी राज्य सरकार या सत्ताधारी दल में किसी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगते हैं, तो मुख्यमंत्री साजिश के सिद्धांत की थ्योरी लगती हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

3 + 8 =