नयी दिल्ली। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को आइसलैंड और सऊदी अरब के अपने समकक्षों के साथ फोन पर बातचीत की, जिस दौरान द्विपक्षीय संबंधों के अलावा यूक्रेन संकट पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया गया। आइसलैंड की विदेश मंत्री थोरडिस के. गिल्फादोतिर के साथ अपनी बातचीत पर विदेश मंत्री ने कहा कि भारत और आइसलैंड ने अपने 50 साल के राजनयिक संबंधों के महत्व को रेखांकित किया और साथ ही 04 मई को कोपेनहेगन में आयोजित दूसरे भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी की यात्रा को लेकर भी बात हुई। दोनों मंत्रियों ने यूक्रेन में रूस के विशेष सैन्य अभियान पर भी विचार-विमर्श किया।
सऊदी अरब के विदेश मंत्री फैसल बिन फरहान के साथ अपनी बातचीत पर विदेश मंत्री ने कहा कि दोनों ने अपने द्विपक्षीय सहयोग और रणनीतिक साझेदारी परिषद की प्रगति की समीक्षा की, जिस पर अक्टूबर, 2019 में पीएम मोदी ने अपनी रियाद यात्रा के दौरान हस्ताक्षर किए गए थे। यह समझौता भारत की पहचान सऊदी साम्राज्य के एक रणनीतिक साझेदारों के रूप में कराता है।