खड़गपुर : दक्षिण पूर्व रेलवे मजदूर संघ ने सामाजिक दूरी व अन्य मानकों का पूरी तरह से ख्याल रखते हुए पाखंड दिवस मनाया। ज्ञात हो कि रेलवे के दोनों के मान्यता प्राप्त फेडेरेशनों ने 11 जुलाई 2016 को राष्ट्रीय हड़ताल करने के पक्ष में मतदान करवाया था और इसके पक्ष में लगभग 94% रेलवे कर्मचारियों ने मतदान किया था।
लेकिन दोनों फेडेरेशन अचानक मैदान छोड़कर भाग गए और हड़ताल वापस ले लिया। यह कदम रेलवे कर्मचारियों के साथ एक प्रकार का धोखा था। इसी विषय को उजागर करने के लिए दक्षिण पूर्व रेलवे मजदूर संघ ने पाखंड दिवस मनाने का फैसला लिया।
इसी क्रम में दक्षिण पूर्व रेलवे मजदूर संघ की ओपन लाइन की कैरेज व वैगन बीसीएन डिपो, निमपुरा शाखा ने पाखंड दिवस मनाया। इस कार्यक्रम में केंद्रीय पदाधिकारी पी. के. पात्रो, डिपो शाखा के अध्यक्ष जी. पी. मिश्रा, शाखा सचिव ललित प्रसाद शर्मा व अन्य सदस्य उपस्थित थे।
जबकि खड़गपुर कारखाना इकाई ने पाखंड दिवस का पर्चा बांटकर लोगों के बीच जागरूकता फैलाया। इस विषय पर कारखाना सचिव श्री पी. के. कुंडु व कारखाना सह- सचिव मनीष ने कहा कि दोनों फेडेरेशनों के अंतर्गत आने वाले दोनो मान्यता प्राप्त यूनियनों को सिर्फ अपनी गद्दी की चिंता है तथा विरोध के नाम दोनों यूनियनें सिर्फ नाटक करती है जबकि उनके फेडेरेशन के आकाओं का रेलवे बोर्ड के इस निर्णय में सहमति होती है।
इस विषय पर जोनल अध्यक्ष प्रहलाद सिंह ने रेलवे में निजीकरण व निगमीकरण के लिए दोनों मान्यता प्राप्त फेडेरेशनों को जिम्मेदार बताया क्योंकि रेलवे बोर्ड इस तरह के फैसलों में दोनों फेडेरेशनों के आलाकमानों की सहमति होती है। रेलवे में निजीकरण व निगमीकरण के विरोध में दक्षिण पूर्व रेलवे मजदूर संघ पूरे जोन में व्यापक जनआंदोलन करेगा।