बीरभूम हिंसा: सीबीआई ने खटखटाया अदालत का दरवाजा, आठ लोगों का पॉलीग्राफ टेस्ट कराने की अनुमति मांगी

रामपुरहाट (पश्चिम बंगाल)। पश्चिम बंगाल के बीरभूम हिंसा के मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने जांच के दौरान तृणमूल कांग्रेस नेता अनारुल हुसैन समेत आठ व्यक्तियों को गिरफ्तार किया था। इन लोगों के पॉलीग्राफ टेस्ट कराने की अनुमति के लिए बुधवार को सीबीआई एक स्थानीय अदालत में पहुंची। जांच एजेंसी के एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जांच को आगे बढ़ाने के लिए पॉलीग्राफ टेस्ट कराना बहुत जरूरी है। वहीं बुधवार को सीबीआई के अधिकारियों की एक टीम ने बोगतुई गांव के दो निवासियों सोना शेख और फातिक शेख के घरों का दौरा कर आवश्यक नमूने एकत्र किए थे।

बता दें कि हिंसा और आगजनी के दौरान इनके घरों में आग लगा दी गई थी। सीबीआई अधिकारी ने बताया कि आज उनके आवासों से आवश्यक नमूने एकत्र किए गए हैं। हम उन्हें फोरेंसिक परीक्षण के लिए भेजने की योजना बना रहे हैं। अधिकारी ने बताया कि सोना शेख एक साल से अधिक समय से फरार था। गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में टीएमसी नेता की हत्या के कुछ घंटे बाद जिले के रामपुरहाट थाना क्षेत्र के बोगतुई गांव से आठ लोगों के जले हुए शव बरामद किए गए थे। 21 मार्च को हुई इस घटना ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के साथ पूरे देश में स्तब्ध कर दिया था। इसके बाद हाईकोर्ट मे इस मामले की जांच में सीबीआई से कराने के निर्देश दिए थे।

वहीं सीएम ममता बनर्जी ने घटना के दो दिन बाद प्रभावित गांव का दौरा किया था। इस दौरान उन्होंने मृतकों के परिवार और घायलों के परिवारों को आर्थिक मदद और सरकारी नौकरी देने की घोषणा की थी। उन्होंने आगजनी में जले हुए मकानों की मरम्मत कराने का भी वादा किया था। अपने वादे को पूरा करते हुए ममता बनर्जी ने सोमवार को पीड़ितों के परिजनों को ग्रुप-डी की सरकारी नौकरी दिए जाने की घोषणा की थी।

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