दवा की कीमतों में वृद्धि का मुद्दा उठा राज्यसभा में

नयी दिल्ली। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के जॉन ब्रिट् और शिवसेना की प्रियंका चतुर्वेदी ने शुक्रवार को आवश्यक दवाइयों की कीमतों में वृद्धि का मामला उठाया और इसे वापस लेने की मांग की। ब्रिट् ने राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान कहा कि आम जनता पहले से महंगाई से जूझ रही है। ऐसे में सरकार ने 800 से अधिक आवश्यक दवाइयों की कीमतों में वृद्धि करने का फैसला किया है। यह वृद्धि 11 प्रतिशत तक है। आवश्यक दवाइयों की कीमतों में यह अब तक सबसे बड़ी वृद्धि है। उन्होंने कहा कि गरीब आदमी के लिए दवाइयों की कीमतों में वृद्धि होना एक बड़ा झटका है।

सरकार को इसे तुरंत वापस लेना चाहिए। शिवसेना की प्रियंका चतुर्वेदी ने भी यह मामला उठाया और कहा कि लगातार महंगाई बढ़ रही है और आम आदमी का जीना मुश्किल हो गया है। सरकार को आवश्यक दवाइयों की कीमतों में वृद्धि तुरंत खारिज करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इसमें कैंसर, डायबिटीज, बुखार, अस्थमा और अन्य बीमारियों की दवाइयों की कीमतों में वृद्धि शामिल है। कई अन्य सदस्यों ने भी इस मुद्दे का समर्थन किया।

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