क्या होता है मूल नक्षत्र, कैसे होते हैं इस नक्षत्र में जन्मे जातक

वाराणसी। ज्योतिष में कुल मिलाकर 27 नक्षत्र बताए गए हैं। हर ग्रह की तरह चंद्रमा भी परिक्रमा करता है और इस दौरान जिन 27 सितारों के समूह के बीच से चंद्रमा गुजरता है वही अलग अलग 27 नक्षत्र के नाम से जाने जाते हैं। ज्योतिष में जातक के जन्म समय के अनुसार ग्रह नक्षत्रों की स्थित का आकलन किया जाता है और उसी के मुताबिक शुभ-अशुभ पर विचार किया जाता है। ज्योतिष में कुल मिलाकर 27 नक्षत्र बताए गए हैं। अन्य ग्रहों की तरह चंद्रमा भी परिक्रमा करता है और इस दौरान जिन 27 सितारों के समूह के बीच से चंद्रमा गुजरता है, वही अलग अलग 27 नक्षत्र के नाम से जाने जाते हैं।

जब किसी का जन्म होता है तो उस समय चंद्रमा जिस तारा समूह से होकर गुजरता है, वहीं उस जातक का जन्म नक्षत्र माना जाता है। इन नक्षत्रों के अलग-अलग फल और अलग-अलग स्वभाव बताए गए हैं। इन नक्षत्रों में से कुछ कोमल, कुछ कठोर और कुछ उग्र होते हैं। इन्हीं जन्म नक्षत्रों के आधार पर जातक के भविष्य के बारे में बताया जाता है। उग्र और तीक्ष्ण स्वभाव वाले नक्षत्रों को मूल नक्षत्र, सतईसा या गंडात कहा जाता है। मूल नक्षत्र और इस नक्षत्र में जन्में लोगों का कैसा होता है स्वभाव व भविष्य।

ये होते हैं मूल नक्षत्र : ज्योतिष में कुल मिलाकर छह मूल नक्षत्र बताए गए हैं। इनमें से मूल, ज्येष्ठा, आश्लेषा को मुख्य मूल नक्षत्र माना गया है तो वहीं अश्विनी, रेवती और मघा को सहायक मूल नक्षत्र माना गया है। जो बच्चा मूल नक्षत्र में जन्म लेता है, उसके स्वभाव और सेहत पर इसका सीधा प्रभाव पड़ता है। माना जाता है कि 8 वर्ष के बाद मूल नक्षत्र का विशेष प्रभाव नहीं रह जाता है। इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले शिशु की सेहत संवेदनशील होती है और माना जाता है कि पिता को नवजात का मुख नहीं देखना चाहिए।

लेकिन इसका निर्णय उस समय कुंडली की स्थिति के अनुसार किया जाता है। यदि किसी बच्चे का जन्म मूल नक्षत्रमें होता है तो यह देखा जाता है कि बच्चे के जन्म कि स्थिति क्या है उसे किस चीज से समस्या हो सकती है। इसका निर्धारण माता पिता की कुंडली देखकर भी किया जाता है। ज्योतिष के अनुसार यदि बच्चे का गुरु और चंद्र मजबूत है और पिता एवं परिजनों के ग्रहों की स्थिति अनुकूल है तो चिंता करने की आवश्यकता नहीं होती है।

अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें
जोतिर्विद वास्तु दैवज्ञ
पंडित मनोज कृष्ण शास्त्री
9993874848

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

eleven + 1 =