…हिलेला नहीं पटना झूमेला!

सामयिक परिवेश के स्थापना दिवस समारोह पर रही अखिल भारतीय कवि सम्मेलन सह होली मिलन समारोह की शानदार धूम

तारकेश कुमार ओझा, पटना । काशी संग पटना हिलेला…! बिहार की राजधानी पटना के संबंध में अब तक मेरी यही अवधारणा थी। क्योंकि बचपन में सुने चर्चित गीत का यह बेहद लोकप्रिय मुखड़ा आज भी गाहे-बगाहे चर्चा में आ ही जाता है। पटना ने कभी बुलाया ही नहीं। छुटपन में गांव जाते समय ट्रेन की खिड़की से ही इस शानदार शहर की हल्की सी झलक देखी थी, जो समय के साथ विस्मृत होती गई। लेकिन सामयिक परिवेश के स्थापना दिवस समारोह सह कवि सम्मेलन सह होली मिलन समारोह में उपस्थिति के सुअवसर ने मानो बदलते पटना शहर के आधुनिक रूप से ही नहीं बल्कि जीवन के हर रंग से परिचित करा दिया। पाटलिपुत्र कॉलोनी स्थित लिट्रा स्कूल प्रांगण के खुले परिवेश में ऐसे रंग-गुलाल उड़े कि कुछ देर के लिए जीवन का हर गम हवा हो गया।

सामयिक परिवेश का यह शानदार वार्षिक आयोजन बुधवार को लिट्रा पब्लिक स्कूल पाटलिपुत्र पटना में प्रधान संपादक ममता मेहरोत्रा और सामयिक परिवेश परिवार की ओर से बेहतरीन आयोजनों के साथ संपन्न हुआ। अपने नाम के अनुरूप फाल्गुन के पावन महीने में सामयिक परिवेश के सतरंगी फुहारों से आज सारा भारत मानो झूम उठा। मौका था सामयिक परिवेश स्थापना दिवस समारोह सह अखिल भारतीय कवि सम्मेलन सह होली मिलन समारोह का। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अंतर्राष्ट्रीय गजलकार कासिम खुर्शीद थे। कार्यक्रम का प्रारंभ सर्वप्रथम डॉ. सुधा सिन्हा ने सरस्वती वंदना से सुंदर आगाज किया। स्वागत गीत अनिता मिश्रा सिद्धि ने प्रस्तुत किया। राष्ट्रीय संपादक श्याम कुंवर भारती ने स्वागत भाषण के बाद शानदार देवी गीत गाकर उपस्थित श्रोताओं को झूमने पर मजबूर कर दिया।

आयोजन के दौरान प्रधान संपादक ममता मेहरोत्रा और मनीष कुमार द्वारा सामयिक परिवेश के वेबसाइट की विधिवत शुरूआत की गयी, जिसके तहत सामयिक परिवेश से जुड़े साहित्यकारों को हरसंभव सहायता देने की घोषणा की गयी। अशोक कुमार सिन्हा ने अतिथीय भाषण और भविष्य हेतु सामयिक परिवेश की योजनाओं पर प्रकाश डाला। उद्घाटन सत्र का सुंदर संचालन श्वेता मिनी और कवि सम्मेलन का संचालन रजनी प्रभा ने किया। श्वेता मिनी ने बेहतरीन गज़ल भी प्रस्तुत किया।बिहार राज्य प्रभारी प्रीतम कुमार झा और झारखंड के उपसंपादक नितेश सागर द्वारा दी गयी प्रस्तुति ने जनसमूह को झूमने पर विवश कर दिया।

सभी कलमकारों, कवियों और प्रस्तोताओं को सम्मानित भी किया गया। इस कार्यक्रम में लिट्रा पब्लिक स्कूल के बच्चों द्वारा बेहतरीन प्रस्तुति भी हुई। धन्यवाद ज्ञापन प्रीतम कुमार झा ने किया। इस अवसर पर अनेक राज्यों से आये कवियों और कवयित्रियों ने होली गीत, कविताओं और ग़ज़लों से अद्भुत माहौल बना दिया। राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी सुधीर श्रीवास्तव (उत्तरप्रदेश), किरण राज (झारखंड), जतिन कुमार मंडल (झारखंड), तारकेश कुमार ओझा (पश्चिम बंगाल), गोपाल लोधा (पश्चिम बंगाल) रजनी प्रभा (बिहार), पूनम यादव (बिहार), डॉ॰ मीना कुमारी परिहार, पटना।

बबिता कुमारी (बिहार), डॉ. रूबी भूषण, पटना, डॉ. नीतू नवगीत, पटना, सत्येन्द्र कुमार के अलावा अन्य कलाकारों ने अंत तक श्रोताओं को झूमाया-नचाया और भावविभोर कर दिया। एक-दूसरे को अबीर-गुलाल लगाकर और छक कर विभिन्न पकवानों को खाकर लोगों ने आनंद लिया। इस कार्यक्रम में प्रसिद्ध लेखक आलोक धन्वा भी विशेष रूप से उपस्थित थे। बताते चलें कि आने वाले समय में भारत के अलावा विदेशों में भी सामयिक परिवेश को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के क्रम में आयोजन संपादित कराने पर क्रियान्वयन की रुप रेखा को अंतिम रूप दिया जा रहा है।

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