कोलकाता। हाल ही में यूपी, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर में चुनावी प्रक्रिया संपन्न हुई, जिसमें पंजाब को छोड़कर सभी राज्यों में पूर्ण बहुमत के साथ बीजेपी अपनी सरकार बनाने जा रही है। इस प्रचंड जीत के बाद भी केंद्र की मोदी सरकार ने करोड़ों ईपीएफ खाताधरकों को बड़ा झटका दिया, जहां पीएफ पर मिलने वाली ब्याज दर कम कर दी गई। इसको लेकर विपक्ष लगातार सरकार पर हमलावर है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी इस मुद्दे पर केंद्र और बीजेपी पर निशाना साधा है।
सीएम ममता ने ट्वीट कर लिखा कि यूपी में वोट की जीत के बाद बीजेपी सरकार तुरंत अपना गिफ्ट कार्ड लेकर आई। उन्होंने कर्मचारी भविष्य निधि में जमा राशि पर ब्याज दर को कम कर दिया, जो चार दशक का सबसे निचला स्तर है। ये केंद्र सरकार को बेनकाब करता है। सीएम के मुताबिक कोरोना महामारी की वजह से मध्यम और निम्न मध्यम वर्ग के कामगार/कर्मचारी परेशान हैं। ऐसे में इस फैसले ने उनकी समस्या बढ़ा दी है।
ममता बनर्जी के मुताबिक जन-विरोधी, मजदूर-विरोधी कदम वर्तमान केंद्रीय संस्था की क्रूर एकतरफा सार्वजनिक नीतियों को उजागर करता है, जो किसानों, श्रमिकों और मध्यम वर्गों की कीमत पर बड़ी पूंजी के हितों की रक्षा करता है। इसका संयुक्त विरोध कर इस फैसले को विफल करना चाहिए।
ईपीएफओ के सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टी ने पीएफ खाते पर मिलने वाला ब्याज घटा दिया है। उन्होंने अब 8.5 प्रतिशत की जगह 8.1 प्रतिशत ब्याज देने का फैसला लिया है। ये 40 साल की सबसे कम ब्याज दर है। जल्द ही इस पर वित्त मंत्रालय भी हामी भर देगा। इस फैसले से देशभर के कुल 6 करोड़ से ज्यादा कर्मचारी प्रभावित होंगे।