कोलकाता। यूक्रेन पर रूस के हमले से तबाही के बीच कोलकाता समेत बंगाल के कई छात्र वहां फंस गए हैं। इनमें से ज्यादातर मेडिकल पढ़ाई के लिए वहां गए हैं। रूसी हमसे के कारण वहां बशीरहाट के अर्पण जैसे कई बंगाली छात्र फंस गए हैं। इसमें यूक्रेन के पिरोगोव मेमोरियल मेडिकल यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस तीसरे वर्ष का दमदम निवासी छात्र अनुभव चंदेल और स्वगता साधुखान भी शामिल है। इन छात्रों को एक तरफ जंग तो दूसरी ओर परीक्षा की चिंता सता रही।
उत्तर 24 परगना जिले के गोबरदंगा जिले के लक्ष्मीपुर गांव के देबाशीष साधुखान की बेटी स्वागत साधुखान यूक्रेन में फंसी हुई है। वह तीन साल पहले मेडिकल की पढ़ाई के लिए यूक्रेन गया था। गोबरदंगा गर्ल्स हाई स्कूल से हाई स्कूल पास करने के बाद स्वागता मेडिकल कराने यूक्रेन चली गईं। उस देश में युद्ध छिड़ने के बाद से उनकी स्वदेश वापसी अनिश्चित हो गई है। स्वागता कब घर लौटेगी इस बात को लेकर घर में हर कोई परेशान है।
वहीं, बशीरहाट अनुमंडल के वार्ड 9 निवासी शिक्षक रामपद मंडल और उनकी पत्नी चंदना मंडल अपने इकलौती संतान अर्पण मंडल की चिंता में डूबे हैं।अर्पण 3 साल पहले 2019 में मेडिकल की पढ़ाई के लिए यूक्रेन गया था। अर्पण यूक्रेन के दीनाप्रो पेट्रोवाक्स शहर में है। उसके माता-पिता गुरुवार को टीवी पर रूसी हमले की खबरें देखने के बाद से परेशान हैं। वे ईश्वर से फरियाद कर रहे हैं कि जल्दी से जल्दी उनका बेटा वापस घर लौट आए। मंडल परिवार दहशत में है।
इसी प्रकार दुर्गापुर के स्टील टाउनशिप में टैगोर एवेन्यू की रहने वाली नेहा खान यूक्रेन के एक यूनिवर्सिटी में थर्ड ईयर की छात्रा हैं। उसके माता-पिता से लेकर उसकी बहन तक सभी परेशान हैं। मोबाइल पर वीडियो कॉल पर लगातार परिवार से बात कर रहे हैं। स्थानीय प्रशासन द्वारा उनके आवास के तहत कई सुरंग खोदी गई हैं। बिगड़ते हालात को समझने पर सभी को सुरक्षा के लिए शरण लेने को कहा गया है। नेहा दहशत में घंटे गिन रही हैं। नेहा के पिता फिरोज खान ने कहा कि परिवार में सभी बहुत परेशान थे।
उनका कहना है कि सोशल मीडिया के जरिए बेटे से बातचीत हुई पर वे चाहते हैं कि भारतीय दूतावास उनके बच्चों सहित सभी भारतीय छात्रों को तुरंत स्वदेश ले कर आए। उनका कहना है कि अर्पण से बात करने पर पता चला कि वहां की स्थिति काफी भयावह है। वह भारतीय दूतावास के संपर्क में हैं।