‘बांग्लार बाघ’ आशुतोष मुखोपाध्याय की जयंती पर मुख्यमंत्री ने किया नमन

कोलकाता : बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को ‘बांग्लार बाघ’ (बंगाल का शेर) के नाम के लोकप्रिय प्रसिद्ध शिक्षाविद आशुतोष मुखोपाध्याय की जयंती के मौके पर उन्हें नमन किया। सुश्री बनर्जी ने सोशल नेटवर्किंग साइट पर पर अपने पोस्ट में लिखा, ‘‘ ‘बांग्लार बाघ’ आशुतोष मुखोपाध्याय को उनकी जयंती के मौके पर नमन।’’ वर्ष 1864 में जन्मे श्री मुखोपाध्याय कलकत्ता विश्वविद्यालय से गणित तथा भौतिक विज्ञान में स्नातकोतर की डिग्री हासिल करने वाले पहले छात्र थे।

भारतीय शिक्षा जगत में उन्हें सर्वोच्च सम्मान, साहस और प्रशासनिक क्षमता के प्रतीक के तौर पर याद किया जाता है। उन्होंने कोलकाता विश्वविद्यालय के द्वितीय (1905-1914) तथा पांचवें (192।23) दो बार कुलपति बनने का गौरव हासिल हुआ था। इन्होंने 1906 में बंगाल तकनीकी संस्थान और 1914 में कलकत्ता विश्वविद्यालय के विज्ञान महाविद्यालय (राजाबाजार विज्ञान महाविद्यालय) की स्थापना करने का श्रेय प्राप्त है।

श्री मुखोपाध्याय ने हाजरा विधि कॉलेज के नाम से प्रसिद्धि यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ लॉ की स्थापना करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थी। साथ ही इन्होंने 1908 में कलकत्ता गणतीय समाज की भी स्थापना की थी और 108 से 1923 तक इसके अध्यक्ष रहे थे।

वह 1914 में राजाबाजार साइंस कॉलेज में भारतीय विज्ञान कांग्रेस के उद्घाटन सत्र के अध्यक्ष भी थे, जिसकी स्थापना भी इन्होंने ही की थी। इनके कलकत्ता विश्वविद्यालय के कुलपति रहते हुए 1916 में इन्हीं के प्रबंधन में आशुतोष कॉलेज की स्थापना हुई थी।

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