1. आर्थिक समस्या : आर्थिक उन्नति का न होना, धन का कहीं उलझ जाना, लाभ का देरी से मिलना, आय से अधिक ख़र्च का होना, आवश्यकता होने पर धन की व्यवस्था का न हो पाना, धन का चोरी हो जाना आदि।
2. पारिवारिक समस्या : वैवाहिक संबंधों मे विवाद, अलगाव की स्थिति, विवाह मे विलंब, पारिवारिक शत्रुता का होना, पड़ोसियों से समबन्ध बिगड़ना, पारिवारिक सदस्यों से किसी भी कारण से अलगाव, विश्वासघात आदि होना।
3. व्यवसायिक समस्या : कैरियर मे सही अवसर न मिल पाना, मिले अवसर का सही उपयोग न कर पाना, व्यापार मे लाभ का कम होना, साझेदार मे विवाद की स्थिति, व्यवसायिक प्रतिद्वंदी में पिछड़ना, नौकरी आदि मे उन्नति का या प्रमोशन का न मिलना, सरकार विभागों मे काम का अटकना, अपनी इच्छाओं का पुरा न होना आदि।
4. संतान सम्बन्धित समस्या : संतान का न होना, देरी से होना, पुत्र या पुत्री संतान का न होना, संतान का ग़लत कार्यों मे चले जाना, संतान द्वारा बड़ों का अपमान करना, संतान की शिक्षा व्यवस्था मे कमी होना आदि।
5. शारीरिक समस्या : भवन के मालिक और परिवार के सदस्यों का दुर्घटना ग्रस्त होना, गंभीर रोग का होना, गलत आदतो का शिकार होना, आपरेशन का होना, असामयिक मृत्यु का होना आदि। अगर आपके घर, भवन, फैक्टरी आदि मे ये लक्षण है तो वहाँ वास्तु दोष हो सकता है, समय रहते उपाय करे।
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जोतिर्विद वास्तु दैवज्ञ
पंडित मनोज कृष्ण शास्त्री
9993874848