कोलकाता। शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि यदि भाजपा पश्चिम बंगाल में सरकार बनाती है तो वह चार दशक पहले मारीचझापी में हुए नरसंहार की जाँच के लिए जाँच आयोग गठित करेगी। मारीचझापी अभिजन के आह्वान के हिस्से के रूप में पश्चिम बंगाल भाजपा के सदस्यों ने सुंदरबन के करीब मारीचझपी के छोटे से द्वीप का दौरा किया और उन लोगों को श्रद्धाँजलि अर्पित की, जो 1979 में राज्य में बसने के प्रयास के दौरान एक पुलिसिया कार्रवाई में कथित रूप से मारे गए थे। साथ ही स्वतंत्रता की लड़ाई के दौरान बांग्लादेश चले गए थे।
वाम मोर्चा शासन के दौरान कथित मारीचझापी हत्याओं के विरोध में नदिया जिले में एक रैली के बाद संवाददाताओं से बात करते हुए शुभेंदु अधिकारी ने तृणमूल कांग्रेस सरकार पर निर्दोष हिंदू शरणार्थी बंगालियों पर क्रूर हमले का पता लगाने के लिए कुछ ना करने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा, “अपने वादे के विपरीत ममता बनर्जी ने मारीचझापी में शहीदों को न्याय देने के लिए कुछ नहीं किया, जिन्होंने सीपीआई (एम) के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा उन्हें बाहर करने और बांग्लादेश वापस भेजने के प्रयास का विरोध करने के लिए अमानवीय उत्पीड़न का सामना किया। “2011 में सत्ता में आई तृणमूल कांग्रेस सरकार ने कोई जाँच आयोग नहीं बनाया।”
भाजपा अनुसूचित जनजाति प्रकोष्ठ ने मारीचझापी में एक रैली निकाली, जहाँ पार्टी के प्रदेश महासचिव अग्नि मित्रा पॉल मौजूद थे। हालाँकि, माकपा ने दावा किया कि भगवा खेमा गलत इतिहास बना रहा है और ऐसी कोई घटना कभी हुई ही नहीं। तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा, “भाजपा पुराने मुद्दे को उठाकर पिछड़ी जातियों को जीतने का प्रयास कर रही है। आखिर मरीचझापी पर भाजपा अचानक क्यों मुखर हो गई है?”