सुलेखा सुमन की कविता : ये जीवन है

।।ये जीवन है।।
सुलेखा सुमन

छांव हमेशा के लिए नहीं रहती
जीवन की धूप का मज़ा लेना सीखो
खुशियों की शाम हर रोज नहीं आती
गम मे भी मुस्कुराते रहना सीखो
रास्ते हमेशा मिले समतल
ये मुमकिन नहीं
पथरीली राहों पे भी चलने का
हुनर आजमाना सीखो
जरुरी नहीं दुनियां का हर इंसान
तुमसे मीठी ज़ुबान बोले
जिनके बोलीं में हो कड़वाहट
उनसे भी दो बोल इज्जत के गुफ़्तगू करना सीखो
नहीं मिलती किसी को भी हर चीज आसानी से
उसे पाने के लिए खुद को आजमाना सीखो
ये जीवन है
इसमें ऊंच-नीच, झूठ-सच, खुशी-गम का आना मुमकिन है
इन सब को साथ मे रखते हुए
जीवन को खुशियों से बिताना सीखो

सुलेखा सुमन

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

two × four =