कोलकाता। तृणमूल कांग्रेस ने कहा कि पश्चिम बंगाल में चार नगर निकायों में जनवरी 2022 के चुनाव में ‘वोटों की लूट या जोर-जबर्दस्ती नहीं’ होगी तथा पार्टी के ‘छिटपुट तत्वों’ द्वारा यदि कोई ज्यादती की गयी तो उनके विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। पार्टी के वरिष्ठ नेता सौगत रॉय ने विधाननगर नगर निगम चुनाव के वास्ते घोषणापत्र जारी करते हुए कहा कि सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस अपने ढेर सारे कामों के बदौलत भारी अंतर से नगर निगम चुनाव जीतेगी।
अक्टूबर 2015 में विधाननगर नगर निगम चुनाव में बड़े पैमाने पर गड़बड़ियों की खबरों की ओर याद दिलाये जाने पर रॉय ने कहा , ‘‘ अतीत में जो कुछ हुआ, उसे भूल जाइए। वोटों की लूट नहीं होगी। हम विधाननगर के लोगों के लिए तथा अन्य स्थानों पर किये गये ढेर सारे कामों की बदौलत चुनाव जीतेंगे।’’ अक्टूबर, 2015 में विधाननगर चुनाव को कवर करने के दौरान कई पत्रकारों एवं कैमरामैन पर अज्ञात व्यक्तियों ने कथित रूप से हमला किया।
विपक्षी दलों- माकपा, कांग्रेस और भाजपा ने उसके लिए एवं गड़बड़ी के लिए तृणमूल कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया था। विधाननगर कोलकाता से सटा उपनगर है। आगामी नगर निकाय चुनाव के दौरान किसी के भी द्वारा जोर-जबर्दस्ती को हम बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेंगे जैसा कि हमारे राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने दिसंबर में हुए कोलकाता नगर निगम (केएमसी) चुनाव से पहले कहा था। हम कोई ज्यादती नहीं होने देंगे।
पहले की तरह हम फिर जनादेश से चुनाव फिर जीतेंगे। हम अनुचित तौर तरीके क्यों अपनायें?’’ रॉय पर निशाना साधते हुए भाजपा प्रवक्ता सामिक भट्टाचार्य ने कहा, ‘‘ वह पुराने सांसद हैं जो अतीत में सर्वश्रेष्ठ सांसद का सम्मान जीत चुके हैं। लेकिन दिसंबर में हुए केएमसी चुनाव, जब तृणमूल कांग्रेस द्वारा गड़बड़ी एवं झूठा मतदान खूब हुआ, के अनुभव को देखते हुए हमें विधाननगर एवं अन्य नगर निकायों के आगामी चुनावों के बारे में उनके द्वारा दिये जा रहे आश्वासन पर कोई विश्वास नहीं है।’’
विधाननगर नगर निगम के साथ ही सिलीगुड़ी, आसनसोल एवं चंदननगर नगर निगमों के चुनाव भी कराये जायेंगे। तृणमूल कांग्रेस के विधायक सुजीत बोस पर 2015 के विधाननगर नगर निगम चुनाव में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी करने का आरोप लगाया गया था। हालांकि उन्होंने इन आरोपों से इनकार किया था। तृणमूल कांग्रेस ने विधाननगर के लिए अपने घोषणापत्र में कहा, ‘‘ जलभराव की समस्या बढ़ जाने, जैसा कि कुछ महीने पहले वर्षा के पैटर्न में बदलाव के चलते हुआ था, से निपटने के लिए प्रतिष्ठित संस्थानों के विशेषज्ञों से संपोषणीय एवं वैज्ञानिक हल ढूढने के लिए संपर्क किया जाएगा।’’