घोर संकट : बंगाल में दो और जूट मिल बंद

कोलकाता। नए साल के पहले कुछ दिनों में दो और जूट मिल- इंडिया जूट और गोंडलपारा जूट मिल्स बंद हो गईं। एक ही समूह के स्वामित्व वाली दोनों जूट मिलों ने ‘काम रोकने’ का नोटिस जारी किया। प्रत्येक जूट मिल में 4,000 श्रमिक काम कर रहे थे। जूट उद्योग के अधिकारियों ने दावा किया कि दोनों मिलों को कच्चे माल की चिंताओं के कारण बंद करने के लिए मजबूर किया गया। इससे पहले, पिछले साल लगभग 10 मिलों ने इसी तरह के कदम उठाए थे। अधिकारियों ने कहा कि ‘इंडियन जूट मिल्स एसोसिएशन’ ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को उद्योग की स्थिति के बारे में सूचित किया है।

उद्योग मंडल ने मुख्यमंत्री को लिखे अपने पत्र में दावा किया है कि कुछ और मिलों को ‘काम के निलंबन’ का नोटिस जारी करने के लिए मजबूर किया जा सकता है। बंगाल की मिलों का कई कारणों से इस तरह के नोटिस जारी करने का इतिहास रहा है। मजदूर संगठनों के अनुमान के अनुसार, बंगाल में जूट उद्योग में 30 लाख से अधिक जूट किसान और 2.5 लाख मिल श्रमिक जुड़े हैं। उद्योग से जुड़े अधिकारियों ने ‘पीटीआई-भाषा’ से दावा किया, “इंडिया जूट और गोंडलपारा के बंद होने के साथ ही लगभग 30,000 मिल श्रमिकों को पहले ही 12 जूट मिलों में नौकरी से हाथ धोना पड़ा है। इस सप्ताह और मिलों के बंद होने की संभावना है।”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

twenty − nine =