कोलकाता। कलकत्ता हाई कोर्ट ने सोमवार को पश्चिम बंगाल सरकार को एक बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर 30 दिसंबर तक उसके समक्ष एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया, जिसमें एक व्यक्ति ने दावा किया कि उसके पिता प्रेसीडेंसी सुधार गृह में न्यायिक हिरासत से लापता हो गए। याचिकाकर्ता ने दावा किया कि नकली शराब रखने के एक मामले में गिरफ्तार रंजीत भौमिक सुधार गृह से लापता हो गए। न्यायमूर्ति आर के कपूर और न्यायमूर्ति कृष्ण राव की अवकाश पीठ ने राज्य सरकार को बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका में किए गए दावों के संबंध में उपयुक्त खंडपीठ के समक्ष 30 दिसंबर तक एक रिपोर्ट दर्ज करने का निर्देश दिया।
याचिकाकर्ता बुद्धदेव भौमिक ने दावा किया कि उनके पिता को हावड़ा जिले के बगनान पुलिस स्टेशन में शराब मामले के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था और उन्हें उलुबेरिया अदालत ने न्यायिक हिरासत में भेजा था। उन्होंने कहा कि पिता की तबीयत बिगड़ने पर उन्हें 12 दिसंबर को उलुबेरिया उप-मंडल सुधार गृह से कोलकाता के प्रेसीडेंसी में स्थानांतरित कर दिया गया था।