औरंगाबाद। महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (एमएसआरटीसी) के कर्मचारियों की हड़ताल के बुधवार को 42 दिन हो गये। हो गया। एमएसआरटीसी के इतिहास में यह सबसे लंबी अवधि की हड़ताल है, जो अभी जारी है। राज्य में 16000 से अधिक बसों की क्षमता वाले 250 डिपो में 93,000 से अधिक कर्मचारियों की हड़ताल से आम लोग बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। सरकारी बसें प्रदेश भर में लोगों के लिए प्रमुख और सुरक्षित साधन है। दूसरी तरफ एमएसआरटीसी ने दावा किया है कि 19,000 से अधिक कर्मचारी करम पर वापस आ गये हैं , जिनमें कार्यालयीन कर्मचारी कर्मचारी हैं और उपलब्ध कर्मचारियों की मदद से सीमित मार्गों के लिए बस सेवाएं शुरू की गयी है।
राज्य भर में बड़ी संख्या में चालक और परिचालक अभी भी राज्य सरकार में विलय की अपनी मुख्य मांग पर अड़े हुए हैं। वहीं अब तक 9000 से अधिक कर्मचारियों को निलंबित किया जा चुका है और 2500 से अधिक अस्थायी कर्मचारियों को उनकी सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। राज्य सरकार ने कर्मचारियों को ड्यूटी पर लौटने को कहा गया है और ऐसा न करने पर महाराष्ट्र आवश्यक रखरखाव सेवा अधिनियम (मेस्मा) के तहत कार्रवाई की चेतावनी दी गयी है। इस बीच राज्य सरकार ने कल से बढ़े हुए वेतन का भुगतान करना शुरू कर दिया है।
नियमित काम पर जाने वाले कर्मचारियों के नवंबर महीने के वेतन में वृद्धि देखी गई। राज्य के 250 में से 133 डिपो में बीती शाम तक यातायात सुचारू रूप से बहाल हो गयी वहीं निगम ने इसमें और बढ़ोतरी की संभावना जतायी है।उस्मानाबाद और परभणी जिले में काम पर लौटे कर्मचारियों की मदद से कुछ मार्गों पर बस सेवाएं शुरू की गयी है। औरंगाबाद में कुछ गंतव्यों के लिए बस सेवाएं भी दो दिन पहले से फिर से शुरू हो गई हैं, हालांकि मुख्य बस स्टैंड से सेवाएं अभी भी हड़ताल के कारण रुकी हुई हैं।