कोलकाता। समाज कल्याण के लिए आचार्य चाणक्य ने एक नीति शास्त्र की रचना की थी, जिसे ‘चाणक्य नीति’ के नाम से जाना जाता है। इस नीति शास्त्र में करियर, सफलता, धन-दौलत, दोस्ती, प्रेम प्रसंग, मान-सम्मान और दांपत्य जीवन समेत लगभग हर विषयों को लेकर जुड़े सुझाव दिए गए हैं। माना जाता है कि चाणक्य जी की नीतियां आज भी उतनी ही प्रासंगिक है, जितनी हजारों वर्ष पूर्व हुआ करती थीं।
चाणक्य जी ने अपने नीति शास्त्र में स्त्री को लेकर विस्तार से चर्चा की है। आचार्य चाणक्य मानते थे की एक स्त्री व्यक्ति के जीवन में बेहद ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, चाहे वह मां के रूप में हो या फिर बहन, बेटी, मित्र और पत्नी के रूप में। स्त्री अपने गुणों से व्यक्ति के भाग्य को बदलने की ताकत रखती है। आचार्य चाणक्य के अनुसार अगर किसी स्त्री में ऐसे गुण होते हैं तो शादी के बाद उनके पति की किस्मत खुल जाती है।
- स्त्री में होने चाहिए ये गुण–
संतोष: आचार्य चाणक्य के अनुसार एक महिला में संतोष का गुण होना बेहद ही जरूरी है। क्योंकि संतोष ही एक सुखमय जीवन की नींव होता है। संतोषी स्त्री परिवार को हमेशा जोड़कर रखती है। साथ ही ऐसी स्त्री हर मुश्किल परिस्थिति में अपने पति का साथ देती है।
धार्मिक विचारों वाली स्त्री: चाणक्य जी मानते थे की जिस घर में प्रतिदिन पूजा-पाठ होता है, वहां हमेशा मां लक्ष्मी का वास होता है। इसलिए जो महिलाएं धार्मिक प्रवृत्ति की होती हैं, उनके पति की किस्मत खुल जाती है।
शांत रहने वाली: आचार्य चाणक्य ने क्रोध को मनुष्य का सबसे बड़ा दुश्मन बताया है। चाणक्य जी का मानना है कि जो स्त्री क्रोध नहीं करती, वह अपने पति के लिए काफी भाग्यशाली होती है। क्योंकि गुस्से के कारण आपका सबकुछ नष्ट हो सकता है।
मीठी वाणी: चाणक्य नीति में बताया गया है की जिन महिलाओं की वाणी मधुर होती है, वह अपने पति की किस्मत तक बदल सकती है। क्योंकि मीठे बचन बोलने से घर का माहौल हमेशा सुखमय और खुश रहता है। जिससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता रहता है।