मुंबई : शिव सेना के नेता संजय राउत ने कहा कि, ‘कांग्रेस के नेता यहां कहां हैं? कांग्रेस के नेता तो दिल्ली में बैठते हैं और जब ममता दीदी दिल्ली में थीं तो उनकी कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी से फोन पर बात हुई।उल्लेखनीय है कि ममता बनर्जी तीन दिनों के मुंबई दौरे पर हैं। उन्होंने अपने दौरे का श्री गणेश मुंबई के सिद्धि विनायक मंदिर से किया। यहां उन्होंने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के जल्दी स्वस्थ हो जाने की कामना की। शाम साढ़े सात बजे शिवसेना नेता और मंत्री आदित्य ठाकरे और सांसद संजय राउत से मुलाकात की। आज ममता बनर्जी शरद पवार से उनके सिल्वर ओक बंगले में जाकर मुलाकात करेंगी। लेकिन इस पूरे तीन दिनों के दौरे में वे किसी कांग्रेसी नेता से मुलाकात करने वाली नहीं हैं।
इस पर सवाल उठ रहे हैं। इस सवाल का जवाब आज 1 दिसंबर, बुधवार पत्रकारों से बात करते हुए संजय राउत ने दिया। शिवसेना सांसद ने कहा कि, ‘शरद पवार विपक्ष के सबसे बड़े नेता हैं। सबसे अनुभवी नेता हैं। ममता दीदी बंगाल की शेरनी हैं। उनकी शरद पवार से मुलाकात काफी अहम है। मिलना तो उन्हें मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से भी था।
उनसे ममता दीदी का काफी करीबी रिश्ता है। लेकिन मुख्यमंत्री की तबीयत को देखते हुए खुद ममता बनर्जी ने तय किया कि उन्हें आराम करने दिया जाए। क्योंकि केंद्र सरकार द्वारा केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग करके गैर भाजपा सरकार के कामों में यहां भी रुकावटें डाली जा रही हैं और वहां भी। ऐसे में लंबी लड़ाई की तैयारी करनी जरूरी है। उस लड़ाई में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की अहम भूमिका रहेगी।
इसलिए मुख्यमंत्री को पूरी तरह ठीक होने तक ममता दीदी ने आराम करने को कहा। उनकी तरफ से उनके बेटे मंत्री आदित्य ठाकरे और मैं मिला।’ जब पत्रकारों ने संजय राउत से पूछा कि जानबूझ कर ममता बनर्जी कांग्रेस को अपने मुहिम से अलग रख रही हैं क्या? आखिर वे अलग-अलग पार्टियों के नेताओं से मिल रही हैं, कांग्रेस के नेताओं से क्यों नहीं मिल रही हैं? इस पर संजय राउत ने कहा कि, ‘कांग्रेस के नेता यहां कहां हैं? कांग्रेस के नेता तो दिल्ली में बैठते हैं और जब ममता दीदी दिल्ली में थीं तो उनकी कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी से फोन पर बात हुई।’
सच्चाई यह कि मुंबई आने से पहले दिल्ली में ममता बनर्जी ने पीएम मोदी से मुलाकात की जबकि मैडम सोनिया से नहीं। राहुल गांधी द्वारा बुलाई गई अलग-अलग पार्टियों की मीटिंग में नहीं गईं यानी लगातार ममता बनर्जी और कांग्रेस के बीच दूरियां सामने आ रही हैं। रही बात महाराष्ट्र में कांग्रेसी नेताओं से ना मिलने की तो संजय राउत ने भी यह बयान देकर एक बार फिर महाराष्ट्र की महा विकास आघाडी सरकार में कांग्रेस को अलग-थलग रखने की नीति और नीयत स्पष्ट कर दी।
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष नाना पटोले, पृथ्वीराज चव्हाण, संजय निरुपम जैसे नेता लगातार यह आरोप लगाते आए हैं कि राज्य में सारे निर्णय एनसीपी और शिवसेना मिल कर ले लेती हैं, कांग्रेस को पिछलग्गू बना कर रखा है। इस पर प्रदेशाध्यक्ष नाना पटोले और मुंबई अध्यक्ष भाई जगताप ‘एकला चलो रे’ और ‘अपने दम पर’ अगले सारे चुनाव लड़ने की घोषणाएं कर चुके हैं। बड़ी बात यह है कि कांग्रेस ने हाल के स्थानीय निकायों के चुनावों में आघाडी सरकार में शामिल पार्टियों में सबसे ज्यादा सीटें जीती हैं। शिवसेना आखिरी पायदान पर खड़ी है।
शरद पवार की ओर से एनसीपी का मत नवाब मलिक स्पष्ट कर चुके राज्य में एनसीपी और शिवसेना कांग्रेस के साथ चाहे जो भी सलूक कर रही हों। लेकिन राष्ट्रीय राजनीति में ममता बनर्जी से दोनों की राय थोड़ी अलग है। संजय राउत राहुल गांधी के काफी करीब आए हैं।
शरद पवार की ओर से मंत्री और एनसीपी प्रवक्ता नवाब मलिक ने मंगलवार को यह स्पष्ट कर दिया कि बगैर कांग्रेस बीजेपी के खिलाफ विपक्ष की एकता और ताकत अधूरी है। इसलिए ममता दीदी का एंबिशन भले ही बीजेपी के खिलाफ बगैर कांग्रेस तीसरा विकल्प आजमाने का हो, लेकिन इस लक्ष्य में महाराष्ट्र से उन्हें साथ मिलेगा क्या, इस पर शंका बरकरार है। फिलहाल आज दोपहर ममता बनर्जी और शरद पवार की मुलाकात का इंतजार है।