पेरिस। फ्रांस की राजधानी पेरिस में आतंकवादी हमले को लेकर गठिन भारत-फ्रांस कार्यकारी समूह की 15वीं बैठक के दौरान दोनों देशों ने अल कायदा तथा इस्लामिक स्टेट के साथ-पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन लश्कर ए-तैयबा, जैश ए-मोहम्मद तथा हिजबुल मुजाहिद्दीन सहित सभी तरह के आतंकवादी नेटवर्कों के खिलाफ ठोस कार्रवाई की जरूरत पर बल दिया है।यह बैठक विदेश मंत्रालय संयुक्त सचिव (आतंकवाद रोधी) महावीर सिंघवी और फ्रांस के विदेश मंत्रालय में यूरोप तथा विदेश मामलों के रणनीतिक मामलों, सुरक्षा और निरस्त्रीकरण के निदेशक फिलिप बर्टौक्स की अध्यक्षता में हुई।
इसमें दोनों देशों के वरिष्ठ अधिकारी तथा विशेषज्ञ शमिल हुए। बैठक के दौरान अधिकारियों ने दोनों देशों की रणनीतिक साझेदारी विशेषकर भारत-प्रशांत क्षेत्र के साथ-साथ आतंकवाद के खिलाफ उठाए जा रहे कदमों पर चर्चा की। उल्लेखनीय इस साल नंबर में भारत की वाणिज्यिक राजधानी मुंबई में हुए आतंकवादी (26 नवंबर 2008) हमले के 13 साल तथा नवंबर 2015 में फ्रांस की राजधानी पेरिस में हुए आतंकवादी हमले के छह साल पूरे हो रहे हैं। ऐसे में दोनों देशों ने इन हमलों में मारे लोग लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त की।
आधिकारिक बयान जारी कर दोनों देशों ने सीमा पार आतंकवाद सहित सभी तरह की आतंकवादी गतिविधियों की निंदा की और वैश्विक आतंकवाद के खिलाफ मिलकर लड़ने का संकल्प लिया। साथ ही दोनों देशों ने इस बात पर जोर दिया कि दुनिया के सभी देशों को यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि उनके देश से कोई भी संगठन किसी भी देश के खिलाफ योजना न बना पाएं तथा आतंकवादी हमला न कर पाए। साथ ही सभी देशों को यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि उनके यहां कोई भी आतंकवादी पनाह या प्रशिक्षण न ले पाए।