उम्र ने बुढ़़ा बना दिया
बीते दिनों की देखकर तस्वीर को
विश्वास नहीं हो रहा है खुद को,
उस वक्त की सारी खुशियाँ छीनकर
उम्र ने बुढ़ा बना दिया है मुझको।
आज मैं समृद्ध हूँ, धनवान हूँ
ऐशो आराम में दिन बीता रहा हूँ,
न जाने क्यों दिल दुखित हो जाता है
उस पल को जब भी याद करता हूँ।
गोपाल नेवार,’गणेश’ सलुवा