कोलकाता। भारतीय जनता पार्टी ने यहां एक दुर्गा पूजा पंडाल को “सजाने” के लिए जूतों का इस्तेमाल करने पर शनिवार को आपत्ति जताते हुए कहा कि इससे लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत होंगी। दमदम में पूजा पंडाल के आयोजकों ने इस आपत्ति को खारिज कर दिया और कहा कि पंडाल जाते हुए रास्ते के किनारे पर लगाए गए जूते देश में किसान आंदोलन का प्रतीक हैं और दुर्गा प्रतिमा इससे निश्चित दूरी पर स्थापित की गई है जोकि धान के ढेर से घिरी है। नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने शनिवार को ट्वीट किया कि आयोजकों ने पंडाल की दीवार पर जूते सजा कर “जघन्य कृत्य” किया है।
अधिकारी ने मुख्य सचिव और गृह सचिव से इस मामले में हस्तक्षेप करने का आग्रह किया है। उन्होंने लिखा, “दमदम पार्क में एक दुर्गा पूजा पंडाल को जूतों से सजाया गया है। कलात्मक स्वतंत्रता के नाम पर मां दुर्गा का अपमान करने के इस जघन्य कृत्य को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मैं मुख्य सचिव और गृह सचिव से इस मामले में हस्तक्षेप करने और आयोजकों को षष्ठी से पहले जूते हटाने पर मजबूर करने का आग्रह करता हूं।”
अधिकारी का समर्थन करते हुए मेघालय के राज्यपाल और वरिष्ठ भाजपा नेता तथागत रॉय ने संवाददाताओं से कहा कि “कलात्मक स्वतंत्रता के नाम पर सब कुछ बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। यह देवी दुर्गा का अपमान है और इससे हमारी धार्मिक भावना आहत होती है।” वहीं, दमदम पार्क भारत चक्र समिति के एक पदाधिकारी ने अपनी ओर से स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि जूते पंडाल से दूर लगाए गए हैं।
उन्होंने कहा, “इस साल हमारी थीम किसान आंदोलन है। इसके अनुसार, पंडाल जाने के रास्ते पर जूते लगाए गए हैं जो आंदोलनरत किसानों पर पुलिस के लाठीचार्ज के एक दृश्य का प्रतीक हैं। ऐसे दृश्य हाल में देखे गए थे।” उन्होंने कहा, “पंडाल के भीतर देवी दुर्गा और अन्य मूर्तियां धान के ढेर से घेरी गई हैं।”