न्यूज़वीक सर्वेक्षण के अनुसार अपोलो बना नंबर 1 भारतीय हार्ट हॉस्पिटल

  • डॉ. प्रताप सी रेड्डी ने ह्रदय की बीमारी की पूर्व-सूचना और रोकथाम के लिए एआईसीवीडी टूल देश के चिकित्सकों को समर्पित किया

कोलकाता। अपोलो हॉस्पिटल्स ने कार्डिओवैस्क्युलर बीमारी की जोखिम की पूर्व-सूचना देने के लिए एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) टूल के राष्ट्रीय लॉन्च का आज ऐलान किया। अपोलो एआई-पॉवर्ड कार्डिओवैस्क्युलर डिजीज़ रिस्क टूल स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं को उनके मरीज़ों में कार्डियक बीमारी की जोखिम की पूर्व-सूचना देने और उनके स्वास्थ्य में प्रभावकारी बदलाव लाने के लिए जल्द से जल्द इलाज शुरू करने में मदद करेगा। डेटा प्रोसेसिंग की रफ़्तार और मरीज़ के शरीर में कोरोनरी बीमारी पैदा होने की संभावना की सही-सही पूर्व-सूचना देने की क्षमता के लिए यह कार्डियक रिस्क स्कोरिंग टूल उल्लेखनीय है।

इस उपकरण का इस्तेमाल करने से चिकित्सक जोखिमग्रस्त लोगों को अग्रसक्रिय, प्रथम और निवारक देखभाल प्रदान करने, उनके जीवन में सुधार लाने और साथ ही साथ स्वास्थ्य सेवा प्रणालियों पर भविष्य में बोझ आने से रोकने में सक्षम होंगे। अपोलो हॉस्पिटल्स को प्रमुख अंतरराष्ट्रीय समाचार पत्रिका और वेबसाइट न्यूज़वीक द्वारा जारी बेस्ट स्पेशलाइज्ड हॉस्पिटल्स 2022 रैंकिंग में गौरव का स्थान मिला है यह ऐलान भी इस अवसर पर किया गया।

ग्लोबल रिसर्च फर्म स्टेटिस्टा के साथ साझेदारी में किए जाने वाले इस रैंकिंग में दुनिया के सर्वश्रेष्ठ विशिष्ट अस्पतालों को रैंक्स प्रदान किए जाते हैं और इसमें कार्डियोलॉजी और ऑन्कोलॉजी के लिए शीर्ष 250 अस्पतालों और दस स्पेशलिटीज़ के बीच बाल रोग के लिए शीर्ष 150 को शामिल किया जाता है। अपोलो हॉस्पिटल्स, चेन्नई में अपोलो हार्ट सेंटर ने 2022 के कार्डियोलॉजी के सर्वश्रेष्ठ विशिष्ट अस्पतालों की सूची में स्थान हासिल किया है – यह अस्पताल ग्लोबल रैंकिंग में 126 वें स्थान पर और सूची में शामिल पांच भारतीय अस्पतालों में नंबर 1 पर है।

इसके अलावा, बेस्ट स्पेशलाइज्ड हॉस्पिटल्स 2022 – ऑन्कोलॉजी की सूचि में, अपोलो हॉस्पिटल्स ग्रुप के दो अस्पताल – अपोलो कैंसर सेंटर्स, अपोलो स्पेशलिटी कैंसर हॉस्पिटल, चेन्नई और अपोलो हॉस्पिटल्स, चेन्नई क्रमशः 228 और 239 वें स्थान पर हैं। ऑन्कोलॉजी की सूची में सिर्फ चार भारतीय अस्पतालों को स्थान मिला है जिसमें से दो यह अस्पताल हैं। बाल चिकित्सा स्पेशलिटी में, अपोलो चिल्ड्रेन्स हॉस्पिटल, चेन्नई विश्व स्तर पर 103 वें स्थान पर है और केवल पांच भारतीय अस्पतालों में से एक है जो सर्वश्रेष्ठ विशिष्ट अस्पताल 2022 – बाल चिकित्सा रैंकिंग का हिस्सा हैं।

अपोलो हॉस्पिटल्स ग्रुप के चेयरमैन डॉ. प्रताप सी रेड्डी ने कहा, “देश की अर्थव्यवस्था गैर-संचारी रोगों (एनसीडी) से पीड़ित लोगों के स्वास्थ्य से काफी करीब से जुड़ी हुई है, इन रोगों के कारण उत्पादकता का नुकसान होता है और परिणामवश राष्ट्रीय आय पर भी प्रभाव पड़ता है।

जबकि अनुमान बताते हैं कि एनसीडी का आर्थिक बोझ जीडीपी के 5% से 10% की रेंज में है, यह आंकड़ें एनसीडी का गंभीर स्वरुप दर्शाते हैं, और उनके प्रसार में वृद्धि होने का अनुमान है, अगर उन्हें समय पर संबोधित नहीं किया गया तो उनका आर्थिक प्रभाव भी बढ़ेगा। एनसीडी के बढ़ते बोझ में हृदय रोग (सीवीडी) सबसे ऊपर हैं। हृदय रोग एशिया-पसिफ़िक में मृत्यु का प्रमुख कारण है, और यह एक ऐसी समस्या है जो आबादी की बढ़ती आयु के साथ-साथ तीव्र होगी। स्वास्थ्य सेवा प्रदाता प्रभावकारी बदलाव लाने के लिए ज़ल्द से ज़ल्द निदान कर पाने के लिए संघर्ष करते हैं, जो अपने आप में एक समस्या है।

“हालांकि कुछ प्रेडिक्टिव टूल्स (पूर्व-सूचना देने वाले) हैं जो चिकित्सकों को उनके मरीज़ों में हृदय रोग विकसित होने की संभावना को समझने में मदद करते हैं, लेकिन इनमें से अधिकांश पश्चिमी डेटा सेट पर आधारित हैं और क्षेत्रीय जोखिम भिन्नताओं को ध्यान में नहीं रखते हैं। जब इन्हें भारतीय संदर्भ में इस्तेमाल किया जाता है तब यह बात उनकी सटीकता को प्रभावित करती है।

अपोलो एआई-पावर्ड कार्डियोवास्कुलर डिजीज़ रिस्क टूल इसे स्थिति को बदल देगा और चिकित्सक को हृदय रोग की पूर्व-सूचना देने और रोकथाम करने के लिए ज्ञान और साधन से सक्षम बनाएगा। यह उपकरण अब तक केवल अपोलो के चिकित्सकों के लिए उपलब्ध था, देश के सभी चिकित्सकों को यह एआई उपकरण समर्पित करना हमारे लिए गर्व का क्षण है।”

न्यूज़वीक द्वारा दिए गए रैंकिंग के बारे में डॉ प्रताप सी रेड्डी ने कहा, “यह वैश्विक मान्यता अपोलो हॉस्पिटल्स में उपलब्ध करायी गयी, दुनिया के सर्वश्रेष्ठ अस्पतालों जैसे परिणाम प्रदान करने वाली, अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार प्रदान की जाने वाली स्पेशलिटी स्वास्थ्य सेवा का फलित है। अपोलो हॉस्पिटल्स, दुनिया के कुछ बेहतरीन और प्रतिभाशाली चिकित्सा विशेषज्ञों के साथ, भारत में बेहतरीन क्लिनिकल परिणाम देने के लिए क्रांतिकारी स्वास्थ्य सेवा प्रौद्योगिकी लाने में अग्रणी रहा है।”

अपोलो हॉस्पिटल्स की टीम ने देश भर में 400,000 व्यक्तियों से संबंधित दस से अधिक वर्षों का डेटा एकत्र किया। फिर, उन्होंने माइक्रोसॉफ्ट एज़्योर का उपयोग उस अनाम डेटा को कार्रवाई योग्य अंतर्दृष्टि में बदलने के लिए किया, ताकि डेटा वैज्ञानिक और चिकित्सक मशीन लर्निंग मॉडल को प्रशिक्षित करने के लिए उसका उपयोग कर सकें। मास्ट्रिच क्षेत्र में एक दीर्घकालिक दल स्वास्थ्य अध्ययन मास्ट्रिच स्टडी, और मास्ट्रिच यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर, नेदरलॅंड्स में हार्ट + वैस्कुलर सेंटर से डेटा का उपयोग करके इस उपकरण को मान्य किया गया है।

अपोलो हॉस्पिटल्स ग्रुप की जॉइंट मैनेजिंग डायरेक्टर सुश्री संगीता रेड्डी ने कहा, “हृदय रोग की पूर्व-सूचना देने और उसकी रोकथाम के लिए एआई टूल कई वर्षों के अनुसंधान और विकास का फल है और अपोलो हॉस्पिटल्स के तकनीकी कौशल का प्रमाण है। अपोलो का एआई-पावर्ड कार्डियोवस्कुलर डिजीज़ रिस्क स्कोर विशेष रूप से भारतीय आबादी में उपयोग के लिए बनाया गया है।

इसलिए चिकित्सक अपने मरीज़ों में हृदय रोग के जोखिम का बेहतर अनुमान लगा सकते हैं। यह टूल देश भर में लगभग 400,000 व्यक्तियों से संबंधित दस वर्षों के अनाम डेटा के आधार पर एल्गोरिदम पर बनाया गया है, इस डेटा को टीम द्वारा अपोलो अस्पताल में जमा किया गया है।

“माइक्रोसॉफ्ट एज़्योर प्लेटफॉर्म के माध्यम से फ़ेडरेटेड लर्निंग का उपयोग करके टूल को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी मान्य किया गया है। अपोलो नेटवर्क के डॉक्टर्स देश भर में हृदय रोग के जोखिम का अनुमान लगाया जा सके और निवारक हृदय देखभाल को चलाया जा सके इसलिए तीन साल से इस एआई-संचालित उपकरण का उपयोग कर रहे हैं।

हृदय रोग के खतरे की पूर्व-सूचना देने के लिए एआई टूल के इस लॉन्च के साथ, सीवीडी सहित गैर-संचारी रोगों के कारण होने वाले समय से पहले मृत्यु दर की जोखिम को 2025 तक 25% तक कम करने के विश्व स्वास्थ्य संगठन के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करने में हम सक्षम होंगे।”

एआई-पावर्ड टूल विशेष रूप से भारतीय आबादी के लिए एल्गोरिदम का उपयोग करके अधिक सटीक सीवीडी जोखिम स्कोर प्रदान करता है और मानकीकृत देखभाल आहार विकसित करने में मदद करता है। स्वास्थ्य जांच और कोरोनरी घटनाओं पर पूर्वव्यापी डेटा के एक बड़े नमूने पर लागू एआई और नैदानिक विशेषज्ञता के मिलाप का उपयोग करके विकसित किया गया, उपकरण एक जोखिम स्कोर प्रदान करता है जो जीवन शैली विशेषताओं जैसे आहार, तंबाकू और धूम्रपान वरीयताओं और शारीरिक गतिविधि के साथ-साथ मनोवैज्ञानिक तनाव और चिंता सहित सभी कारकों को ध्यान में रखता है।

जो श्वसन की दर और उच्च रक्तचाप से दर्शाया जाता है। जोखिम को उच्च, मध्यम और न्यूनतम में वर्गीकृत किया गया है। यह टूल उन रिस्क कॉंट्रिब्युटर्स के बारे में भी जानकारी देता है जिन्हें स्कोर सुधारने के लिए बदला भी जा सकता है। यह चिकित्सकों को जीवनशैली में परिवर्तन के लिए विशिष्ट अंतर्दृष्टि के साथ अपने मरीज़ों को अधिक समग्र सलाह देने में सक्षम बनाता है।

अपोलो हॉस्पिटल्स ने इस रिस्क स्कोर के लॉन्च के साथ अपनी उस प्रतिबद्धता की भी पुष्टि की है जो उन्होंने रोके जा सकने वाली मौतों को टालने के बारे में की है। कोई भी व्यक्ति अपना एआईसीवीडी स्कोर जानने के लिए हमारे क्लिनिक, डायग्नोस्टिक सेंटर में आ सकता है। रिस्क स्कोर जनरेट करने में लगभग 5 से 6 मिनट का समय लगता है। यह उपकरण सामान्य चिकित्सकों, हृदय रोग विशेषज्ञों और सर्जनों के आउट पेशेंट क्लीनिकों में प्रभावी है, जो अलग-अलग प्रकार की बीमारियों और हृदय रोग की जोखिम वाले रोगियों का इलाज करते हैं। हमने टूल की पहुंच बढ़ाने और इसे देश के हर व्यक्ति तक ले जाने के लिए रिस्क स्कोर की कीमत बहुत कम रखने का फैसला किया है।

एआई टूल के बारे में जानकारी के लिए, चिकित्सक अपने विवरण infoaicvd@apollohospitals.com पर भेज सकते हैं।

 

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