कोलकाता। पश्चिम बंगाल के भवानीपुर विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव को लेकर जारी विवाद के बीच प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि पार्टी इस मुद्दे पर अदालत जाने पर विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि पार्टी वकीलों की राय ले रही है और फिर अंतिम फैसला लिया जाएगा। सोमवार को मीडिया से बात करते हुए राज्य भाजपा अध्यक्ष ने कहा, राज्य सरकार लोकल ट्रेनों को चलने की अनुमति नहीं दे रहा है।
वे एक समारोह में 50 से अधिक मेहमानों को अनुमति नहीं दे रहे हैं। वे ऐसे लोगों को गिरफ्तार कर रहे हैं जो किसी उद्देश्य के लिए एकत्र हो रहे हैं और चुनाव के लिए जा रहे हैं। घोष ने कहा, यह दोहरा मापदंड जारी नहीं रह सकता। या तो उन्हें कहना होगा कि राज्य में कोई कोरोना नहीं है या उन्हें चुनाव स्थगित करना होगा। ममता बनर्जी की चुनावी सभा में हजारों की भीड़ होगी। क्या कोई है जो गिरफ्तार कर सकता है, वे केवल दिलीप घोष, शुभेंदु अधिकारी और भाजपा समर्थकों को ही गिरफ्तार करेंगे।
विधाननगर के एक निजी अस्पताल में भाजपा की एक महिला समर्थक से मिलने गए घोष ने कहा, हम वकीलों की राय ले रहे हैं और अगर जरूरत पड़ी तो हम अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे। यह नहीं चल सकता। पूर्वी बर्दवान के दुगार्पुर की रहने वाली महिला ने रविवार को वैक्सीन लेने जाने के दौरान अपमानित होने के बाद आत्महत्या करने की कोशिश की थी।
चुनाव आयोग ने शनिवार को भवानीपुर में उपचुनाव और मुर्शिदाबाद जिले के दो अन्य विधानसभा क्षेत्रों समसेरगंज और जंगीपुर में चुनाव की तारीख की घोषणा की। इन तीनों सीटों पर 30 सितंबर को मतदान होगा और 3 अक्टूबर को मतगणना होगी।
भवानीपुर में उपचुनाव, जहां से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी चुनाव लड़ रही हैं, विवाद खड़ा हो गया, क्योंकि आयोग ने अपनी अधिसूचना में उल्लेख किया कि इस निर्वाचन क्षेत्र में उपचुनाव को पश्चिम बंगाल सरकार के अनुरोध पर एक विशेष मामले के रूप में लिया जा रहा है। आयोग ने देशभर के 31 अन्य विधानसभा क्षेत्रों के चुनावों को टाल दिया जो महामारी की स्थिति के कारण खाली पड़े हैं।
इससे पहले, विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने इस मुद्दे को उठाया और कहा, चुनाव आयोग और भाजपा के बीच कोई समझ नहीं है। क्या चुनाव आयोग यह बता पाएगा कि 31 विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव क्यों नहीं हो रहे हैं। राज्य के मुख्य सचिव हरे कृष्ण द्विवेदी ने चुनाव आयोग को लिखा कि अगर भबनीपुर में उपचुनाव नहीं हुआ, तो राज्य में संवैधानिक संकट होगा। वह ऐसा नहीं लिख सकते। उपचुनाव और छह निर्वाचन क्षेत्रों नहीं हो रहे हैं। उसके लिए क्या जटिलता पैदा की जा रही है? हम इसे मुद्दा बनाएंगे।