कोलकाता : राज्य की राजनीति भाजपा द्वारा चुनाव के बाद की हिंसा के आरोपों से घिरी हुई है। मानवाधिकार आयोग की रिपोर्ट को लेकर बीजेपी टीएमसी आमने-सामने हैं। शहीद दिवस के मंच से ममता ने कहा, ‘चुनाव के बाद बंगाल में कोई हिंसा में कुछ नहीं हुई। भाजपा में कुछ लोग मानवाधिकार आयोग के कार्यकर्ता बन गए हैं। यह रिपोर्ट पूरी तरह गलत है। मानवाधिकार आयोग की रिपोर्ट को मनगढ़ंत बताते हुए ममता ने कहा कि ‘आयोग का कार्यालय भाजपा के पार्टी कार्यालय जैसा हो गया है।
मुझे नहीं पता कि उन्होंने कैसे दबाव बनाया। उन्होंने यह भी कहा कि रिटर्निंग ऑफिसर से सभी पुलिस अधीक्षकों का तबादला कर दिया गया है। यह उल्लेख करते हुए कि त्रिपुरा में टीएमसी कार्यकर्ताओं पर हमला किया गया है। ममता ने कहा, “मैं किसी अन्य पार्टी को कुछ भी करने की अनुमति नहीं दूंगी। क्या यही उनका लोकतंत्र है?’
पेगासस पर भी ममता ने अपना मुंह खोला। सीएम ने कहा कि हमारे फोन टैप किए गए हैं। मैं चाहकर भी चिदंबरम से बात नहीं कर सकती, शरद पवार से बात नहीं कर सकती।उन्होंने कहा कि मैं चाहकर भी दिल्ली, ओडिशा, महाराष्ट्र या आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्रियों से बात नहीं कर सकती।
उन्होंने कहा, ‘याद रखना आपका और मेरा फोन टैप हो गया है। आपको यह भी पता चल जाएगा कि आप कब सो रहे हैं, क्या खा रहे हैं। बीजेपी सरकार गरीबों को पैसा दिए बिना करोड़ों रुपये खर्च कर रही है। ममता बनर्जी ने 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले सीधे नये मोर्चे का आह्वान किया।
सभी राज्यों के नेताओं और सभी राजनीतिक दलों से सीधे तौर पर तीसरा मोर्चा बनाने का आह्वान करते हुए ममता ने कहा, ‘मैं सभी राज्यों के सभी नेताओं को एकजुट होकर मोर्चा बनाने को कह रही हूं। अभी से तैयारी शुरू कर दें। उन्होंने कहा कि मरीज की मौत होने पर डॉक्टर को बुलाने से कोई फायदा नहीं। उन्होंने शरद पवार सहित अन्य नेताओं से कहा, “मैं जल्द ही दिल्ली जाऊंगी। मैं तीन दिन के लिए दिल्ली जाऊंगी। हम बैठक कर सकते हैं और बात कर सकते हैं।’