रोड टैक्स में छूट, बजट में राज्य सरकार ने किए कई अहम ऐलान

कोलकाता। तृणमूल सरकार ने तीसरी बार सत्ता में आने के बाद पहली बार बजट पेश किया है। वित्त मंत्री अमित मित्रा की बीमारी के चलते उद्योग मंत्री पार्थ चटर्जी ने इस बार बजट पेश किया। 2021 में टीएमसी के सत्ता में आने के बाद विधानसभा के यहां पहला बजट है। बीते कल राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने भी राज्य के बजट को नियमानुसार मंजूरी दी थी। यह उम्मीद की जा रही थी कि राज्य के चुनाव के पहले घोषित सामाजिक परियोजनाओं को लागू किया जाएगा।

एक नजर में यह महत्वपूर्ण घोषणाएं

वित्त वर्ष 2021-22 में राज्य के लिए 3,08,727 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। 26,755.26 करोड़ रुपये का राजस्व घाटा है। स्टांप ड्यूटी पर 2 प्रतिशत की छूट। 1 जुलाई से 31 दिसंबर तक अतिरिक्त रोड टैक्स पर छूट।

बजट को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा

मुख्यमंत्री ने कहा कि बजट आवंटन में 20 प्रतिशत की वृद्धि की गयी है। केंद्र ने 14,225.54 करोड़ रुपये घटा दिया है। सीएम ममता ने कहा कि 2019-20 में 11 हजार करोड़ कम किया गया था। इसके अलावा, केंद्र के पास हमारा 33,000 करोड़ रुपये बकाया है। कम से कम 60 हजार करोड़ रुपये से हम वंचित हैं।

पिछले साल आए चक्रवाती तूफान में केंद्र से 2,250 करोड़ रुपये से अधिक नहीं मिले। वहीं यास के बाद 21,000 करोड़ रुपये चाहिए थे, सिर्फ 300 करोड़ रुपये मिले। इतने अभाव के बावजूद बंगाल केंद्र से आगे।

कोविड मैनेजमेंट में 1830 करोड़, स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड सेक्टर में 250 करोड़, महिला एवं बाल विकास प्रोजेक्ट में 10,000 करोड़, हेल्थ पार्टनर सेक्टर में 1900 करोड़। सामाजिक सुरक्षा के लिए कुल 18,650 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।

-क्या कहा अमित मित्रा ने?

हमने केंद्र सरकार से बार-बार कहा है कि आम आदमी को पैसा दो। अगर लोगों के पास पैसा होगा, वे इसे खर्च करेंगे, तो अर्थव्यवस्था पलटेगी। लेकिन जो केंद्र सरकार की नीति अपनाई वह‌ ठीक नहीं है। हमारी सरकार सही नीति के साथ आगे बढ़ रही है। उन्होंने कॉरपोरेट टैक्स को घटाकर 10 फीसदी कर दिया, लेकिन उन्होंने निवेश नहीं किया।

हम आम लोगों के हाथ देखते हैं, वे बाजार में आकर पैसे दे रहे हैं। खाद्य क्षेत्र में तरह-तरह के निवेश आ रहे हैं, जैसे-जैसे मांग पैदा हुई है। केंद्र सरकार को मैक्रोइकॉनॉमिक पॉलिसी सीखनी चाहिए। सामाजिक क्षेत्र को अधिक धन आवंटित करना राज्य का ऐतिहासिक निर्णय है।

सैनिटाइजर पर 18 प्रतिशत जीएसटी। यह सही नहीं है। अर्थव्यवस्था को सही दिशा में आगे बढ़ाने के लिए राज्य वित्त विभाग अन्य विभागों के साथ मिलकर काम कर रहा है।

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