Kolkata Desk : वेल में भाजपा के अभूतपूर्व विरोध के चलते राज्यपाल अपना अधूरा भाषण देकर ही विधानसभा से निकल गए। आज पश्चिम बंगाल विधानसभा में अजीबोगरीब परिस्थिति तब पैदा हो गई, जब मुख्य विरोधी दल भाजपा ने राज्यपाल के भाषण पढ़ने के लिए खड़े होते ही चुनाव बाद के हिंसा को लेकर विरोध करते हुए वेल में उतर आए। नतीजतन, राज्यपाल बजट सत्र की शुरुआत में अपना भाषण समाप्त किए बिना ही विधानसभा से बाहर चले गए।
विधानसभा के बजट भाषण की शुरुआत राज्यपाल के भाषण से होनी थी। उसी मुताबिक राज्यपाल विधानसभा में आये परंतु विपक्ष के अभूतपूर्व विरोध के कारण अपना पूरा भाषण नहीं पढ़ सके। विधानसभा में आते ही राज्यपाल ने सर्वप्रथम अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। इसके बाद वे विधानसभा कक्ष में गए। उन्होंने अपना आसन ग्रहण किया और भाषण पढ़ने के लिए उठ खड़े हुए। तभी बीजेपी विधायकों ने हंगामा करना शुरू कर दिया। वे वेल में उतर आए।
उनका दावा था कि राज्यपाल के भाषण में जो है वो सही नहीं है। राज्यपाल ने अपना भाषण शुरू किया लेकिन विपक्ष के विरोध के कारण भाषण बीच मे ही रोक देना पड़ा। विपक्ष का मुख्य विरोध था चुनाव के बाद कि हिंसा का, उनका दावा था कि राज्य सरकार द्वारा तैयार भाषण में हिंसा कोई मुद्दा नहीं है। चुनाव के बाद भी राज्य में अनेकों लोगों पर हमले हुए, परन्तु सरकार ने कुछ भी नहीं किया तो इस भाषण का कोई मतलब नहीं है।
इस बीच भाषण को लेकर राज्यपाल से राज्य सरकार को संशय पहले से ही था। सरकार की एक चिंता यह भी थी कि क्या राज्यपाल पूरे भाषण को पढेंगे। हालांकि, राज्य सरकार ने कहा कि उन्हें कैबिनेट द्वारा स्वीकृत भाषण पढ़ना होगा। इसके अलावा सरकार को डर था कि विपक्ष भाषण पर विरोध करेगा। इसीलिए सरकार पक्ष के विधायकों को संयम बरतने को कहा गया था। परंतु विपक्ष के विरोध के कारण राज्यपाल अपना भाषण पूरा नहीं कर पाए।