नई दिल्ली : दक्षिण एशिया के प्राचीन शास्त्रों के अनुसार, नवरस नौ मानवीय भावनाओं का प्रतीक है जिसमें प्रेम, हँसी, करुणा, क्रोध, साहस, भय, घृणा, आश्चर्य और शांति शामिल हैं। नवरस महोत्सव 2021 में, एशियन लिटरेरी सोसाइटी ने इन्हीं भावनाओं को कला, संस्कृति और साहित्य के जीवंत रंगों के माध्यम से प्रस्तुत किया। कोरोना वायरस महामारी के बावजूद लेखकों एवं कलाकारों ने 20 जून से 28 जून 2021 तक नई दिल्ली में आयोजित नवरस 2021 महोत्सव में उत्साहपूर्वक ऑनलाइन माध्यम से भाग लिया।
मनोज कृष्णन (संस्थापक, एशियन लिटरेरी सोसाइटी और लेखक) ने नवरस 2021 महोत्सव का उद्घाटन किया और इन नौ दिनों के उत्सव में शामिल होने वाले सभी गणमान्य अतिथियों का स्वागत किया। शाहनवाज हुसैन (उद्योग मंत्री, बिहार सरकार) और मीनाक्षी नटराजन (पूर्व संसद सदस्या) ने नवरस 2021 महोत्स्व के विशिष्ट अतिथि थे। ज़ेबा तबस्सुम, अनीता चंद, निशा टंडन, वंदना भसीन, डॉ. अपर्णा बागवे, डॉ. बिशाखा सरमा, और मनोज कृष्णन ने नवरस 2021 के दौरान विभिन्न सत्रों का संचालन किया।
बाल्मीकि प्रसाद सिंह (सिक्किम के पूर्व राज्यपाल), अमित दासगुप्ता (पूर्व भारतीय राजनयिक) और डॉ. कुलाधर सैकिया (अध्यक्ष, असम साहित्य सभा और साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता) ने “दक्षिण एशियाई साहित्य को प्रतिबिंबित करता बहुसंयोजी समाज ” विषय पर आयोजित परिचर्चा में शामिल हो अपने विचार व्यक्त किये ।
इस महोत्सव में के. जयकुमार (अध्यक्ष, पोएट्री सोसाइटी (इंडिया)), डॉ. वर्षा दास (पूर्व निदेशिका, नेशनल बुक ट्रस्ट), डॉ. अमरेंद्र खटुआ (पूर्व सचिव, विदेश मंत्रालय), डॉ. शुभाश्री पाणिग्रही (निदेशिका, राज्यसभा), प्रो. नंदिनी साहू (निदेशिका, विदेशी भाषा स्कूल, इग्नू), सुश्री मंदिरा घोष, डॉ. ओम निश्चल, डॉ. लक्ष्मी शंकर बाजपेयी, अंबर खरबंदा, आयुष्मान जामवाल (सीनियर न्यूज एडिटर, सीएनएन-न्यूज18), डॉ. अमित कौर पुरी (संस्थापक, एकेपी हीलिंग इंडिया), नीतू सिंह राय (उपाध्यक्ष, महिला काव्य मंच), रेणु हुसैन, निर्मला सिंह, नीलम सक्सेना चंद्रा, ममता किरण, मधु मधुमन और निधि सिन्हा ने भी भाग लिया।
ब्रिगेडियर एपी सिंह (ब्लॉगर, लेखक, संपादक), लेफ्टिनेंट संध्या सूरी (ब्लॉगर, लेखक, प्रकाशक), और मीना मिश्रा (ब्लॉगर, लेखक, प्रकाशक) ने ब्लॉगिंग पर आयोजित चर्चा में नवोदित लेखकों को महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की। युयुत्सु शर्मा (हिमालयन कवि), अशोक के भार्गव (अध्यक्ष, विन,कनाडा), डॉ. परीक्षित सिंह (सीईओ, एएचसीपी, फ्लोरिडा), और सुदर्शन केचरी (सीईओ, ऑथरप्रेस) ने गद्य के माध्यम से जीवन मूल्यों को विकसित करने के विषय पर चर्चा की।
नवरस 2021 का एक अन्य आकर्षण दिव्यांगों के विषय “भावनात्मक सुनामी से सहानुभूति तक” और “स्पेशल नीड फादर्स – द अनसंग हीरोज” पर पैनल चर्चा थी। पैनलिस्ट गुलशन कवराना (संस्थापक, एसएफएस, दुबई), मेरी बरुआ (संस्थापक, एएफए, नई दिल्ली), सुश्री मीनाक्षी अग्रवाल (संस्थापक, तनय फाउंडेशन, अहमदाबाद), मधुसूदन श्रीनिवास (पूर्व वरिष्ठ संपादक,एनडीटीवी), असीम के. चौधरी (समाजसेवी) और प्रवीण कुमार (संस्थापक एपीएच, यूएसए) ने अपने अनुभव साँझा किये।
कला के क्षेत्र में डॉ. माधवी मेनन (भरतनाट्यम डांसर), ईशा दास (ओडिसी डांसर), राहुल वार्ष्णेय (ओडिसी डांसर) और कामिनी नटराजन (शास्त्रीय गायिका) के साथ हुए लाइव सत्रों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इन नौ दिनों के दौरान इन कलाकारों ने एएलएस प्लेटफॉर्म पर अलग-अलग रसों पर आधारित अपने नृत्य भी प्रस्तुत किये ।
नवरस 2021 में नौ दिवसीय पद्य एवं गद्य और पेंटिंग एवं परफार्मिंग आर्ट चैलेंज आयोजित की गयी थी जिसमें भारत और विदेशों के कई लेखकों और कलाकारों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। मनोज कृष्णन और एशियन लिटरेरी सोसाइटी टीम ने समापन समारोह में सभी प्रतिभागियों को धन्यवाद दिया।
एशियन लिटरेरी सोसाइटी के नवरस 2021 उत्सव को दुनिया भर के दर्शकों से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली, जिन्होंने कोरोनोवायरस महामारी के समय एएलएस की इस पहल की सराहना की।