रामपुकार सिंह, कोलकाता : तिरंगा काव्य मंच का 15वां कवि सम्मेलन एवं मुशायरा नव साहित्य त्रिवेणी पत्रिका के संपादक डॉ. कुंवर वीर सिंह मार्तण्ड एवं बरेली के उस्ताद शायर गुरुदेव विनय सागर जायसवाल की अध्यक्षता में जोशो-खरोश के साथ सम्पन्न हुआ।कार्यक्रम की शुरुआत कवयित्री सुदामी यादव के सुमधुर स्वर में सरस्वती वंदना से की गई। कवि सम्मेलन एवं मुशायरे की संचालिका द्वय सुषमा राय पटेल एवं शायरा कामिनी व्यास रावल के बेहतरीन संचालन ने कार्यक्रम में चार चांद लगा दिए तथा हर बार की तरह बेहतरीन संचालन का उदहारण पेश किया।
इस अवसर पर कवि सम्मेलन के लिये दिये गये विषय योग पर सभी कवि मित्रों एवं मुशायरे के लिए दिये गये मिसरे “तू रहे ख़ुश ये दुआ रोज़ मनाते रहते” पर शायर मित्रों ने एक से बढ़कर एक काव्य सृजन एवं गजलों से मंच को सराबोर कर दिया।
कवि सम्मेलन के अध्यक्ष डॉ. कुंवर वीर सिंह मार्तण्ड जी ने अपने संबोधन में कहा, पिछली बार बुद्ध एवं इस बार योग विषय पर सभी ने प्रशंसनीय प्रयास किया है क्योंकि ये विषय काव्य परंपरा से थोड़े हटकर थे। मित्रों अत्यंत प्रसन्नता का विषय है कि तिरंगा काव्य मंच अपने कवि सम्मेलन एवं मुशायरे के 15वें पायदान पर आ पहुंचा है। हमारे कवि/कवयित्री, शायर/शायरा प्रत्येक कार्यक्रम में बड़े उत्साह के साथ बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेते हैं और एक दूसरे के लेखन की समीक्षा करते हैं।
मंच के संयोजक, मुशायरे के अध्यक्ष, संचालक द्वय, कार्यकारिणी समिति एवं सभी प्रतिभागी कवि शायर का सादर वंदन अभिनंदन। मित्रों आप सब इससे जुड़े रहें। साहित्य का यह तिरंगा लहराता रहे और हम सभी इसकी छांव तले सतत उन्नति के पायदान चढ़ते रहें। मार्तण्ड जी का सहयोग एवं मार्गदर्शन मिलता रहे हम आगे बढ़ते रहेंगे।
इस अवसर पर मुशायरे के अध्यक्ष विनय सागर जायसवाल ने अपने संबोधन में कहा, आज ये देखकर अच्छा लगा कि कई सदस्यों ने सभी प्रतिभागियों की खुले दिल से हौसला अफज़ाई करते रहे जबकि उन्होंने ख़ुद गजल प्रस्तुत नहीं की। उन सभी के प्रति मंच की जानिब से हम सभी का आभार प्रकट करते हैं और आशा करते हैं कि आने वाले समय में भी आप सब खुले दिल से भागीदारी करते रहेंगे।
इस अवसर पर कार्यक्रम को सफल बनाने में राकेश कोठारी, अनुरागी जी, अलका मित्तल, गजेन्द्र नाहटा सभी की हौसला अफज़ाई करते दिखे। गजलराज ने संचालन सहयोग में सक्रिय भूमिका निभाई। आप सभी का हृदय से बहुत आभार।
कवि सम्मेलन में भाग लेने वाले कविगण :
सुदामी यादव, निखिता पांडे, चंचल हरेंद्र वशिष्ट, मौसमी प्रसाद, रीमा पांडे, हीरा लाल जायसवाल, निर्मला शर्मा, दीपिका दीप रूखमांगद, अल्पना सिंह, डॉ. सुभाष चन्द्र शुक्ल, प्रो० प्रेम शर्मा, गजेन्द्र नाहटा, डॉ. सुशील शर्मा, सुषमा राय पटेल, डॉ. कुंवर वीर सिंह मार्तण्ड।
मुशायरे में भाग लेने वाले शायरगण :
अंजु छारिया, कृष्ण कुमार दूबे, पूरन भंडारी, शैलेन्द्र मिश्रा देव, डी.पी. लहरे ‘मौज’, व्यंजना आनंद मिथ्या, रणजीत भारती, राम पुकार सिंह ‘पुकार’ ‘गाजीपुरी’, सौदामिनी खरे, राम शिरोमणि उपाध्याय पथिक जौनपुरी, नफ़ीस परवेज, रजनी गुप्ता, पूनम चंद्रिका, डॉ. देशबंधु तन्हा, गजलराज, सारिक खान, सवीना वर्मा सवी, अंजुमन मंसूरी आरज़ू, शम्भू लाल जालान निराला, कामिनी व्यास रावल, विनय सागर जायसवाल। कार्यक्रम के अंत में संयोजक शम्भू लाल जालान निराला ने सभी को उनके योगदान के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया।