उन पेशेवरों के लिए एक उत्कृष्ट विकल्प जो स्वास्थ्य-आधारित व्यावसायिक उपक्रमों को सीखना और इसी क्षेत्र में कैरियर बनाना चाहते हैं
• प्रोग्राम की अवधि – 1 वर्ष (दो सेमेस्टर में 70 प्रतिशत स्किल बेस्ड लर्निंग के साथ फुल टाइम प्रोग्राम)
• आवेदन प्रस्तुत करने की अंतिम तिथि – 25 जुलाई, 2021
• कक्षाओं की शुरुआत – 9 अगस्त, 2021 से
• प्रोग्राम की कुल फीस – 45,000 रुपए, दो किस्तों में
• पात्रता – कोई भी मान्यता प्राप्त स्नातक डिग्री
• अनुभव – किसी पूर्व अनुभव की आवश्यकता नहीं
• क्रेडिट्स – 60
• प्रवेश के लिए व्यक्तिगत साक्षात्कार की तिथि – 28-29 जुलाई, 2021
• कैरियर के अवसर – इस कोर्स के साथ कोई भी स्वास्थ्य-आधारित स्टार्टअप के साथ काम कर सकता है। टेलीहेल्थ और टेलीमेडिसिन, डिजिटल थेरेप्यूटिक्स और नए बिजनेस मॉडल, हेल्थकेयर में टेक-लीड इनोवेशन, एमहेल्थ, डेंटल क्लीनिक, वेलनेस क्लीनिक/अस्पताल के क्षेत्र में अपनी स्टार्टअप यात्रा शुरू कर सकता है। कार्यक्रम नए दौर के स्वास्थ्य-आधारित स्टार्टअप के अनुसार केंद्रित है।
जयपुर: आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी के प्रेसीडेंट, डॉ. पी आर सोडानी ने कहा, ”आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी ने हैल्थ एंटरप्रेन्योरशिप में स्नातकोत्तर डिप्लोमा के लिए आवेदन आमंत्रित किए हंै। यह यूजीसी नेशनल स्किल्स क्वालिफिकेशन फ्रेमवर्क के तहत देश में अपनी तरह का एक अनूठा प्रोग्राम है। 36 साल की समृद्ध विरासत के साथ हमने हैल्थ और हाॅस्पिटल मैनेजमेंट मंे एक खास जगह बनाई है।
हमें पूरा यकीन है कि प्रतिभागी इस कार्यक्रम से लाभान्वित होंगे और हम महामारी के बाद के दौर में देश के लिए कुछ इनोवेटिव हेल्थ स्टार्टअप तैयार करने में सक्षम होंगे। यह एक व्यापक कार्यक्रम है, जिसका उद्देश्य यूनिवर्सिटी के इनक्यूबेशन सेंटर की सहायता से स्वास्थ्य स्टार्ट-अप को मजबूत समर्थन देने में मदद करना है। हमारे पाठ्यक्रम को सावधानीपूर्वक तैयार किया गया है
जो स्वास्थ्य और संबद्ध क्षेत्र में वर्तमान रुझानों और भविष्य में होने वाले बदलावों दोनों को शामिल करता है, जबकि स्वास्थ्य सेवा, फार्मा सहित प्रमुख क्षेत्रों में उद्यमशीलता निर्माण और विकास आकांक्षाओं का समर्थन करके ज्ञान की उन्नति और उद्यमिता के अभ्यास में योगदान देता है।”
डॉ. शीनू जैन, चेयर सेंटर फॉर इनोवेशन, इनक्यूबेशन एंड एंटरप्रेन्योरशिप और प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर ने कहा, ”छात्रों को मैनेजमेंट, इकोनाॅमिक्स, स्टेटिस्टिक्स, डेमोग्राफी, सोशल एंड बिहेवियरल साइंस, रूरल डेवलपमेंट, पब्लिक हेल्थ और फार्मास्युटिकल सेक्टर से जुड़े संकाय सदस्यों द्वारा अध्ययन कराया जाएगा। कुल मिलाकर उद्यमशीलता कौशल को बढ़ावा देने की सुविधा प्रदान करने का प्रयास किया जाएगा।” कार्यक्रम के बाद प्रतिभागी तुरंत बाजार में अपना उद्यम शुरू करने के बारे में सोच सकते हैं।
पात्र उम्मीदवारों को व्यक्तिगत साक्षात्कार (पीआई) के लिए आमंत्रित किया जाएगा। उम्मीदवार का अंतिम चयन व्यक्तिगत साक्षात्कार (पीआई) में उसके प्रदर्शन पर आधारित है।
”’नोट – पीआई की तिथि यूजीसी दिशानिर्देशों के अनुसार परिवर्तन के अधीन है
प्रत्येक कार्यक्रम में सीटों की संख्या सीमित है और इन्हें ‘पहले आओ पहले पाओ’ के आधार पर भरा जाएगा।
यह कोर्स किसके लिए है?
- एनएसक्यूएफ स्तर -8 और यूजीसी-अनुमोदित, कौशल-केंद्रित, महत्वाकांक्षी स्वास्थ्य उद्यमियों के लिए उपयोगी यह
- प्रोग्राम स्नातक डिग्री वाले किसी भी व्यक्ति के लिए खुला है। निम्नलिखित क्षेत्रों के स्नातक स्वास्थ्य सेवा में एंटरप्रेन्योरशिप में विशेष रुचि प्राप्त कर सकते हैं-
- स्वास्थ्य विज्ञान (बायोलाॅजी, ह्यूमन बायोलाॅजी, बायोटैक्नोलाॅजी, बायोमेडिकल साइंसेज, फार्मेसी, मेडिसिन, वेटरनरी)
- व्यापार और अर्थशास्त्र,
- इंजीनियरिंग (बायोमेडिकल, इन्फाॅर्मेटिक्स, इंडस्ट्रियल, टेलीकम्युनिकेशंस)
- इंश्योरेंस, डेंटल साइंस, मेडिकल एडमिनिस्ट्रेटर्स, नर्सिंग)
- मेडिकल डिवाइसेज, डाइग्नोस्टिक्स
कार्यक्रम के बारे में
स्कूल ऑफ डेवलपमेंट स्टडीज, आईआईएचएमआर-यू में पीजी डिप्लोमा इन हेल्थ एंटरप्रेन्योरशिप यूजीसी द्वारा अनुमोदित देश में अपनी तरह का पहला कार्यक्रम है। यह कार्यक्रम न सिर्फ कौशल-निर्माण को बढ़ावा देता है, बल्कि छात्रों को स्वास्थ्य क्षेत्र में नए रुझानों, नई टैक्नोलाॅजी और नए परिवर्तनों से परिचित भी कराता है और इस तरह इनोवेशन के लिए नई राह दिखाता है।
स्कूल ऑफ डेवलपमेंट स्टडीज, आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी में हैल्थ एंटरप्रेन्योरशिप डिप्लोमा कार्यक्रम न केवल प्रमुख क्षेत्रों में व्यावसायिक कौशल में कौशल बढ़ाता है बल्कि यह मॉड्यूल शिक्षण और 70 फीसदी कौशल केंद्रित व्यावहारिक शिक्षा पर भी जोर देता है। फ्लेक्सी टाइमिंग और मॉड्यूल के साथ प्रशिक्षण और शिक्षा छात्रों को स्वास्थ्य देखभाल सेटिंग्स में नवाचार और उद्यमिता के सिद्धांत और व्यवहार से अवगत कराने के लिए डिजाइन की गई है।
कार्यक्रम की विशेषताएं
कार्यक्रम के पूरा होने पर, छात्र प्रारंभिक चरण की हेल्थकेयर कंपनी के लिहाज से जरूरी समस्त योजनाएं बना सकते हैं और इस तरह वे स्वास्थ्य सेवा से संबंधित व्यावसायिक उद्यम को सफलतापूर्वक शुरू करने, विस्तार करने, विविधता लाने में भी सक्षम होंगे। कार्यक्रम के अन्य मुख्य उद्देश्यों में से एक ऐसा व्यवसाय मॉडल तैयार करना है, जिसमें एंटरप्रेन्यूरियल हेल्थकेयर वेंचर और इसे एक आकार देने वाले 6 फैक्टर्स के बीच तालमेल कायम करना है। ये फैक्टर्स हैं- फायनेंसिंग, स्ट्रक्चर, पब्लिक पाॅलिसी, कंज्यूमर्स, टैक्नोलाॅजी और अकाउंटेबिलिटी।
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