नई दिल्ली। National Desk : कोरोना (Corona) के चलते राज्यों में लगे लॉकडाउन और कोरोना कर्फ्यू की वजह से रोजी रोटी का संकट झेल रहे ट्रांसजेंटरों (transgenders) को केन्द्र सरकार आर्थिक मदद (financial healp) देगी। प्रत्येक ट्रांसजेंटर को 1500 रुपए मदद देने का फैसला लिया गया है। समुदाय की मदद से ट्रांसजेंडर अपना पंजीकरण नेशनल इंस्टीट्यूट आफ सोशल डिफेंस (National Institute of Social Defence) में कराकर सरकार से आर्थिक मदद का लाभ ले सकते हैं।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय की ओर से जारी आदेश में मदद की पहल की गई है। मंत्रालय के अनुसार ट्रांसजेंडरों की निश्चित आय नहीं होती है, लोगों के यहां शादी विवाह व अन्य शुभ अवसरों पर बकसीस (रुपए) से गुजारा करते हैं। चूंकि कोरोना की वजह से बड़े रूप में आयोजन बंद हो गए हैं, इसलिए तमाम ट्रांसजेंडरों के सामने रोटी का संकट पैदा हो गया है।
ऐसे जरूरतमंद ट्रांसजेंडरों की मदद के उद्देश्य से सरकार ने फैसला लिया है। मंत्रालय के अधिकारी के अनुसार ट्रांसजेंडर को अपने समुदाय की मदद से नेशनल इंस्टीट्यूट आफ सोशल डिफेंस (National Institute of Social Defence) में अपना नाम पंजीकरण कराना होगा. इसके बाद ट्रांसजेंडर को डीबीटी (डायरेक्ट बेनीफिट ट्रांसफर) से मदद की जाएगी।
सरकार कर रही है ट्रांसजेंडरों की मदद
ट्रांसजेंडर यानी किन्नरों के अधिकारों के संरक्षण के लिए केंद्र सरकार ने पिछले दिनों राष्ट्रीय पोर्टल तैयार किया है। इसकी मदद से ट्रांसजेंडर आसानी से अपना पहचान पत्र बनवा सकते हैं। भारत सरकार द्वारा तैयार किए गए इस पोर्टल से ट्रांसजेंडरों के अधिकारों की रक्षा होगी तथा सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उन्हें आसानी से मिलेगा। ट्रांसजेंडर अपने नजदीकी सहज जन सेवा केंद्र पर जाकर आवेदन करना होगा। इन्हें मुख्यधारा में लाने के लिए व उनका पहचान पत्र जारी करने के लिए सरकार ने राष्ट्रीय पोर्टल तैयार किया है।