तिरुवनंतपुरम। Kerala Election : केरल के मुख्यमंत्री पिनारायी विजयन, जिन्होंने रविवार को वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) सरकार का नेतृत्व करते हुए सत्ता बनाए रखकर इतिहास रच दिया, वह जब अपनी टीम का चयन करने के लिए बैठेंगे तो उनके पास अपनी पार्टी के अनुभवी दिग्गजों की कमी खलेगी। दरअसल, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने आदर्श नियम बनाया कि जिनके पास लगातार दो कार्यकाल का अनुभव है, उन्हें इस बार चुनाव मैदान में नहीं उतारना है।
इसलिए पांच अनुभवी मंत्री – थॉमस इस्साक (वित्त), ए.के. बालन (कानून), जी. सुधाकरन (सार्वजनिक निर्माण), सी. रवींद्रनाथ (शिक्षा), और ई.पी. जयराजन (उद्योग) टिकट पाने में विफल रहे। 28 अन्य पार्टी विधायकों को भी फिर से नामित नहीं किया गया था।
हालांकि जीतने वाले उम्मीदवारों में राज्यमंत्री कडकम्पल्ली सुरेंद्रन (पर्यटन), एम.एम. मणि (विद्युत), ए.सी.मोइदीन (स्थानीय स्वशासन), टी.पी. रामकृष्णन (एक्साइज) और के.के. शैलजा (स्वास्थ्य) शामिल रहे। एकमात्र, मत्स्य मंत्री जे. मर्कुट्टी चुनाव हार गए।
उच्च शिक्षा मंत्री के.टी.जेलेल, हालांकि माकपा के नहीं हैं, मगर उन्होंने भी जीत हासिल की है और यह देखा जाना बाकी है कि क्या उन्हें फिर से मंत्रिमंडल में शामिल किया जाएगा? इसी तरह एम.वी. गोविंदन को लेकर भी निश्चितता बनी हुई है।
हालांकि वह विजयन के सबसे करीबी सहयोगी माने जाते हैं। संभावना है कि विजयन राज्यसभा के पूर्व सदस्य पी. राजीव और के.एन. बालगोपाल को कैबिनेट में शामिल करने पर विचार कर सकते हैं। रविवार को घोषि परिणामों में ये दोनों जीते हैं।