कोलकाता। Oxygen Crisis In West Bengal : देश के कोरोना मामलों में बेतहाशा वृद्धि के बीच दिल्ली के विभिन्न अस्पतालों में ऑक्सिजन संकट के बाद एक राज्य से दूसरे को ऑक्सिजन सप्लाई को लेकर पश्चिम बंगाल सरकार ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाए हैं। इससे एक दिन पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र से राज्य के लिए निर्धारित ऑक्सिजन को अन्य राज्यों में न भेजे जाने की अपील की थी।
वहीं, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बिना किसी बाधा के ऑक्सिजन का परिवहन सुनिश्चित करने के दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश का पालन करने के लिए सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पत्र लिखा है।
एमएचए के तहत आपदा प्रबंधन प्रभाग की तरफ से सभी मुख्य सचिवों को लिखे गए एक पत्र में यह उल्लेख किया गया है कि दिल्ली हाई कोर्ट ने यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि सभी ऑक्सिजन उत्पादक संयंत्रों से आपूर्ति आवंटन के अनुसार की जाए और परिवहन बिना किसी बाधा के हो।
बनर्जी ने इससे पहले आरोप लगाया था कि केद्र सरकार राज्यों के लिए निर्धारित ऑक्सिजन को अन्य राज्यों में ट्रांसफर कर रही है। मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा था, ‘जब पूरा देश ऑक्सीजन के संकट से जूझ रहा है, तो उन्होंने राज्य के लिए निर्धारित ऑक्सिजन को उत्तर प्रदेश में मोड़ने का फैसला किया। सेल – जो हमें ऑक्सिजन की आपूर्ति करता था, उसे यूपी में ऑक्सिजन भेजने के लिए कहा गया। इससे हमारे राज्य में संकट की और वृद्धि हो जाएगी।
‘बंगाल में बढ़ने वाली है ऑक्सिजन की मांग’
इसके अलावा राज्य ने एक प्रेस नोट जारी करते हुए कहा, ‘केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने हाल ही में 21 अप्रैल को पश्चिम बंगाल में स्थित विभिन्न संयंत्रों से 200 मीट्रिक टन ऑक्सिजन राज्य के बाहर आवंटित किया था। वर्तमान रोगियों की संख्या को देखते हुए, यह उम्मीद है कि पश्चिम बंगाल में खपत का स्तर अगले कुछ हफ्तों में लगभग 450 मीट्रिक टन प्रति दिन बढ़ जाएगा। इसलिए पश्चिम बंगाल के लिए निर्धारित ऑक्सिजन बाहर भेजे जाने से कोविड रोगियों के इलाज में बाधा आएगी।’