डाइबिटीज में इंसुलिन जीवनदायनी दवा के रूप में कार्य करती है, लेकिन इंसुलिन के बारे में बहुत सारे लोगों में भ्रांतियां व्याप्त हैं। आइए इंसुलिन के बारे में कुछ जानते है…
इंसुलिन हमारे शरीर में पाया जाने वाला एक हार्मोन है, जो शरीर में बढ़ती हुई शर्करा (शुगर) की मात्रा को नियंत्रित करता है। इसका सेवन गोली के रूप में कभी नहीं किया जा सकता, क्योंकि हमारे पेट में पाए जाने वाले रसायन इसे निष्क्रिय कर देते हैं। सभी टाइप 1 डाइबिटीज वालों को जीवन भर इंसुलिन पर निर्भर रहना पड़ता है। इसी तरह आम तौर पर टाइप 2 शुगर के साथ जी रहे लोगों में गोली या टैबलेट काम करना विल्कुल बंद कर देती है तो उन्हें भी इंसुलिन का प्रयोग करना पड़ता है। हार्ट अटैक, कोई बड़ा ऑपरेशन, इन्फेक्शन, पीलिया और क्रिटिकल केयर में भर्ती व्यक्तियों और गर्भावस्था की स्थिति में डाइबिटीज होने पर मरीज को इंसुलिन दिया जाता है।
हालाँकि यह एक गलतफहमी है, यदि आपके शरीर की बीटा कोशिकाएं स्वस्थ रूप से काम कर रही है तो इमरजेन्सी में इन्सुलिन लेते हुए भी कई लोगों ने दीर्घकाल तक स्वस्थ जीवन व्यतीत किया है। इसलिए इससे घबराने की जरुरत नहीं है। मधुमेह बीमारी नहीं बल्कि एक अवस्था है। इंसुलिन दवा नहीं है। यह एक रिप्लेसमेंट थेरेपी है। जब हमारे शरीर में स्वयं का इंसुलिन बनना बंद या बहुत कम हो जाता है, तब हमें बाहर से इंसुलिन लेना पड़ता है।
इंसुलिन की सिरिंज व पेन की सुई का यदि नियमानुसार प्रयोग करें, तो वह दर्द रहित होती है। बहुत सारे लोगों को जब अधिक मात्रा में बार-बार इंसुलिन लेना पडता है या जिन्हें बार-बार हाई व लो शुगर होता हो या जिनकी जीवनचर्या बहुत ज्यादा व्यस्त हो, ऐसे लोगों को इंसुलिन पंप के जरिये लगातार इंसुलिन दी जाती है। इंसुलिन हमारे लिए जीवनदायक है। इस जीवनदायिनी दवा का हमे सही समय आने पर उपयोग करके डाइबिटीज को हराना चाहिए।