उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने दिया इस्तीफा, आखिर क्यों, यहां पढ़ें

देहरादून। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मंगलवार को इस्तीफा दे दिया। उन्होंने मंगलवार की शाम राज्यपाल बेबी रानी मौर्या को अपना इस्तीफा सौंपा। मंगलवार सुबह से ही अटकलें लगाई जा रही थीं कि मुख्यमंत्री अपना इस्तीफा सौंप सकते हैं। राज्यपाल से मुलाकात से पहले रावत की ओर से एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करने की उम्मीद भी जताई जा रही थी। हालांकि 60 वर्षीय भाजपा नेता ने मीडिया से बातचीत करने से पहले ही मौर्या से मुलाकात कर अपना त्यागपत्र सौंप दिया।

तीन दिन की राजनीतिक उठापटक के बाद, उनके इस्तीफे के साथ ही राज्य में अब जाकर अटकलें समाप्त हुई हैं, क्योंकि रावत ने आखिरकार राजभवन पहुंचने के बाद मौर्य को अपना इस्तीफा सौंप दिया।एक वरिष्ठ पार्टी नेता ने कहा कि राज्य का नया मुख्यमंत्री चुनने के लिए भाजपा विधायक दल बुधवार सुबह बैठक करेगा। भाजपा विधायक दल में असंतोष के बाद पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व द्वारा निर्देशित किए जाने के बाद रावत ने अपना इस्तीफा सौंपा है।

उन्होंने कहा, “राष्ट्रीय राजधानी में कल (सोमवार) केंद्रीय नेतृत्व के साथ उनकी बैठक के बाद, ऐसा लगता है कि भाजपा नेतृत्व ने रावत को उत्तराखंड सरकार में नेतृत्व के संभावित बदलाव के बारे में सूचित किया है, क्योंकि उनके खिलाफ बहुत नाराजगी है।” उत्तराखंड भाजपा के उपाध्यक्ष देवेंद्र भसीन ने इससे पहले कहा था कि मुख्यमंत्री एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करने वाले हैं और वह राज्य में चल रही राजनीतिक अटकलों पर एक बयान देंगे।

भसीन ने आगे कहा कि उन्होंने सुना है कि उत्तराखंड के भाजपा प्रमुख बंशीधर भगत ने बुधवार सुबह 11 बजे विधायक दल की बैठक बुलाई है।भसीन ने कहा, “मैं विधायक दल के एजेंडे के बारे में नहीं जानता हूं, लेकिन कल (बुधवार) एक बैठक बुलाई गई है।” उत्तराखंड के एक अन्य भाजपा नेता ने भी इससे पहले बताया था कि देहरादून में कयास लगाए जा रहे हैं कि रावत प्रेस कॉन्फ्रेंस में ही अपने इस्तीफे की घोषणा कर सकते हैं। हालांकि उन्होंने इससे पहले ही अपना इस्तीफा दे दिया।

सोमवार शाम को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, भाजपा प्रमुख जे.पी. नड्डा, राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) बी.एल. संतोष ने पहाड़ी राज्य के राजनीतिक विकास पर चर्चा की थी। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव और राज्य प्रभारी दुष्यंत गौतम चर्चा का हिस्सा थे। कई विधायकों द्वारा रावत की कार्यशैली पर सवाल उठाने के बाद बैठक बुलाई गई थी। उत्तराखंड के एक पार्टी सदस्य ने कहा, “नौकरशाही अधिक शक्तिशाली हो रही है और निर्वाचित प्रतिनिधियों की आवाज नहीं सुनी जा रही है।”

भाजपा नेतृत्व ने शनिवार को छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह और गौतम को पर्यवेक्षकों के रूप में राज्य के नेताओं से मिलने और प्रतिक्रिया प्राप्त करने के लिए भेजा था। पार्टी के एक अंदरूनी सूत्र ने कहा, “दोनों नेताओं ने कोर कमेटी के सदस्यों से मुलाकात की और उनकी राय ली। भाजपा नेतृत्व को रिपोर्ट सौंपी गई है।” उत्तराखंड में भारतीय जनता पार्टी की जीत के बाद 2017 में रावत को मुख्यमंत्री बनाया गया था।

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