कोलकाता : पश्चिम बंगाल सरकार ने बंद के मद्देनजर मध्याह्न भोजन योजना के तहत चावल और आलू के अलावा छात्रों के अभिभावकों को अतिरिक्त खाद्य सामग्री और साबुन आदि देने के लिए दक्षिण 24 परगना जिले के एक प्राथमिक स्कूल के अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। एक अधिसूचना में यह जानकारी दी गई।
विष्णुपुर क्षेत्र में स्कूलों के उपनिरीक्षक ने अमगछिया लाल बहादुर फ्री प्राइमरी स्कूल को कारण बताओ नोटिस जारी किया और 20 से 30 अप्रैल के बीच छात्रों के अभिभावकों को केवल तीन किलोग्राम चावल और आलू देने के सरकारी आदेश का उल्लंघन करने का आरोप लगाया। अधिसूचना में कहा गया है कि निर्धारित कोटा के अलावा स्कूल के अधिकारियों ने 23 अप्रैल को प्रत्येक लाभार्थी को चपटा चावल और बिस्कुट का एक पैकेट और एक साबुन भी दिया।
इसमें कहा गया है कि राज्य सरकार ने स्कूल अधिकारियों को नोटिस प्राप्त होने के तीन दिन के भीतर स्पष्टीकरण देने के लिए कहा है। अधिसूचना में कहा गया है कि प्रशासन यह जानना चाहता है कि मानकों का उल्लंघन करके अतिरिक्त वस्तुओं को बांटने का निर्णय लेने का अधिकार स्कूल को किसने दिया है।
इसमें कहा गया,‘‘ इस पत्र को प्राप्त करने से तीन दिनों के भीतर आपको स्पष्टीकरण देना चाहिए।’’ जब स्कूल के अधिकारियों से संपर्क किया गया, तो उन्होंने इस मुद्दे पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। मध्याज़्न भोजन योजना के तहत 20 अप्रैल से राज्य भर के लाभार्थियों को चावल और आलू दिए जा रहे हैं।
स्कूल शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने कहा,‘‘सरकार के आदेश से आगे जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। यह एक सरकारी परियोजना है और यदि हम ऐसी घटनाओं को नजरअंदाज करते हैं तो इससे गंभीर जटिलाएं हो सकती हैं।’’’
शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने पहले कहा था कि सरकारी आदेश का कोई भी उल्लंघन फिर चाहे वह कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए सावधानी नहीं बरतने की हो या मेन्यू बदलने की, इसके लिए कठोर कार्रवाई की जाएगी।
इस संबंध में बात करने के लिए चटर्जी से संपर्क नहीं हो सका।