हिन्दी साहित्य परिषद् कोलकाता द्वारा आयोजित कार्यक्रम बसंत पंचमी और सरस्वती साधना महोत्सव कल बड़े धूम धाम से मनाया गया। कार्यक्रम की शुरुआत राजीव नंदन मिश्र (बिहार) के गणेश वंदना से प्रारंभ हुई और इसके बाद आलोक चौधरी (कोलकाता) द्वारा मां वाग्देवी सरस्वती की वंदना और फिर गीतेश्वर बाबू घायल (भोपाल मध्य प्रदेश) द्वारा मां सरस्वती वंदना से सभी श्रोता भक्ति रस से सराबोर हो गए। इसके बाद देश-प्रदेश से उपस्थित सभी रचनाकारों ने एक से बढ़कर एक कविता का पाठ किया। विशेष रूप से डॉ. रंजीत कुमार (बैंगलोर) की डी आर डी ओ पर आधारित रचना, गितेश्वर बाबू घायल की कलमुही नौकरिया…. और स्नेहा राय की राधा कृष्ण…. की रचना ने श्रोताओं का मन मोह लिया।
कार्यक्रम का सफल संचालन श्रीमती रीमा पाण्डेय ने किया। कार्यक्रम के प्रारंभ में हिन्दी साहित्य परिषद् के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री संजय शुक्ल ने बताया कि परिषद् बसंत पंचमी और मां सरस्वती के प्राकट्य दिवस के साथ ही साथ महाकवि सूर्य कांत त्रिपाठी निराला का जन्म दिवस भी मना रही है। बसंत पंचमी और सरस्वती पूजा महत्व के साथ ही साथ महाकवि निराला जी की रचनाओं का पाठ भी किया। कार्यक्रम के अंतिम पड़ाव में बाल कवि के रूप में महज ५ वर्ष की आयु की स्नेहज राय, (रांची) की बालकवियत्री ने अपनी कविता का पाठ करके सभी श्रोताओं को आश्चर्यचकित कर दिया। कार्यक्रम में कवित्री सुधा सिंह (रांची), कवित्री मीनू मीणा सिन्हा (रांची), नेहाल हुसैन सरायवी (रांची), कवि नसीम अख्तर (पटना), कवि नंदू बिहारी (कोलकाता), कवित्री प्रियंका चौरसिया (कोलकाता), कवि चमन सिंह ठाकुर (शिमला), कवित्री ज्योति खेमका (कोलकाता) आदि की रचनाओं से सभी श्रोता मंत्र मुग्ध हो गए। कार्यक्रम के अंत में हिन्दी साहित्य परिषद् , कर्नाटक के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. रंजीत कुमार (बैंगलोर) ने सभी अतिथियों एवं श्रोताओं को धन्यवाद ज्ञापित किया।