दुनिया के अनेक देशों में मनाया जाने वाला, सुहागिनों के पति की दीर्घायु की कामना का पर्व है करवा चौथ

वैश्विक स्तर पर मनाए जाने वाले भारतीय त्योहार करवा चौथ उत्सव 20 अक्टूबर 2024- पत्नी की नितांत निजी भावनाओं की सार्वजनिक अभिव्यक्ति
करवा चौथ पति की लंबी उम्र की कामना, उसके प्रति स्नेह को मजबूत करने, एक दिन अन्न जल का त्याग कर भावनाओं की सार्वजनिक अभिव्यक्ति है – अधिवक्ता के.एस. भावनानी

अधिवक्ता किशन सनमुखदास भावनानी, गोंदिया, महाराष्ट्र। वैश्विक स्तर पर करीब करीब दुनिया के हर देश में मूल भारतीय बसे हुए हैं जिनमें कई देशों जैसे अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, कनाडा सहित अनेक विकसित विकासशील देशों में मूल भारतीयों का वहां की सरकारें बनाने में भी अहम रोल रहता है, क्योंकि वहां मूल भारतीयों की अच्छी खासी वोट बैंक के साथ अच्छी खासी उपस्थिति है। इसीलिए हम देखते हैं कि वहां अनेकों भारतीय त्योहार पूरी आस्था के साथ धूमधाम से मनाए जाते हैं। आज हम इस विषय पर चर्चा इसलिए कर रहे हैं क्योंकि ऐसा ही एक त्योहार करवा चौथ है, जो 20 अक्टूबर 2024 को पूरे विश्व में, जहां मूल भारतीयों की उपस्थिति है मनाया जा रहा है।

चूँकि पत्नी द्वारा पति की लंबी उम्र के लिए पत्नी की नितांत निजी भावनाओं की यह सार्वजनिक अभिव्यक्ति है, इसलिए आज हम मीडिया में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आलेख के माध्यम से चर्चा करेंगे, दुनिया के अनेकों देशों में मनाए जाने वाला, सुहागिनों द्वारा पतियों की दीर्घायु की कामना का पर्व है करवा चौथ, क्योंकि करवा चौथ पति की लंबी उम्र की कामना, उसके प्रति स्नेह को मजबूत करने, एक दिन अन्न जल का त्याग कर भावनाओं की सार्वजनिक अभिव्यक्ति है। बता दें आलेख में व्यक्त किए गए विचार काल्पनिक है व मान्यताओं पर आधारित है इसकी सटीकता की गारंटी नहीं है।

साथियों बात अगर हम करवा चौथ को मनाने की करें तो, पंचांग के अनुसार, इस साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 20 अक्टूबर दिन रविवार को सुबह 6 बजकर 46 मिनट से शुरू हुई है और यह तिथि 21 अक्टूबर को सुबह 4 बजकर 16 मिनट तक रहेगी। ऐसे में उदया तिथि के मुताबिक, करवा चौथ का व्रत 20 अक्टूबर 2024, दिन रविवार को रखा जा रहा है। पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के कृष्ण की चतुर्थी तिथि को हर साल ये त्योहार मनाया जाता है। इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु की कामना के साथ व्रत रखती हैं। वैवाहिक जीवन की सुख-समृद्धि के लिए ये त्योहार बेहद अहम माना जाता है।

हिंदू धर्म के सभी व्रत त्योहारों की तरह इस दिन भी पूजा और कथा का पाठ शुभ मुहूर्त देखकर किया जाता है। करवा चौथ हिंदू धर्म में सुहागिन महिलाओं का एक खास पर्व है, इस दिन पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए व्रत रखा जाता है। यह व्रत केवल शारीरिक नहीं, बल्कि भावनात्मक रूप से भी गहरा जुड़ाव रखता है। यह व्रत पति-पत्नी के रिश्ते को और मजबूत बनाने में मदद करता है। मान्यता है कि इस व्रत को रखने से पति की उम्र लंबी होती है और उन्हें कोई बीमारी नहीं होती है। यह व्रत सुहागिन महिलाओं को सौभाग्य और समृद्धि प्रदान करता है।

साथियों बात अगर हम करवा चौथ मनाने के कारणों की करें तो, भारतीय संस्कृति में कई उत्सव है, जिनका स्वरुप भले धार्मिक दिखे मगर ये सही मायने में सामाजिक या पारिवारिक उत्सव है। इनका मूल उद्देश्य आपसी सम्बन्धो में प्रगाढ़ता लाना है। इन उत्सवो की छोटी छोटी औपचारिकताएं, अंतर्मन में चल रही उहापोह को विराम दे, न सिर्फ रोजमर्रा की कटुता को कम करती है बल्कि उन स्नेह बंधनो को फिर से ताजगी देकर, सम्बन्धो को मजबूती प्रदान करती है। ऐसा ही एक त्यौहार है करवा चौथ, जो पति पत्नी के सम्बन्धो में, पति के लिए सब कुछ न्योछावर करने की पत्नी की नितांत निजी भावनाओ की सार्वजनिक अभिव्यक्ति है। भारतीय परिवारों की मर्यादा और पारिवारिक जिम्मेदारियों में वह कुछ इस तरह रम जाती है कि सजग होते हुए भी, चाहते हुए भी पति के प्रति अपनी जिम्मेदारियों में कुछ लापरवाह हो जाती है।

यह त्यौहार उसे एक मौका देता है जहाँ वह अपनी भावनाओ को सार्वजनिक कर, पति के प्रति अपने स्नेह को, उन नाज़ुक सम्बन्धो को मजबूती प्रदान करे। एक दिन अन्न-जल का त्याग, उसकी उस भावनाओ की अभिव्यक्ति है कि जरुरत पड़ने पर वह सब कुछ न्योछावर कर सकती है। यह छोटा सा त्याग पति को यह एहसास दिलाने का प्रयास है कि भले वह सार्वजनिक रूप से यह कह न पाए मगर वही उसकी प्राथमिकता है। पति को भी उसकी इन कोमल भावनाओ का एहसास है और यही इस त्यौहार का मनोवैज्ञानिक पहलु है। ये सभी पारिवारिक त्यौहार, मानव मन की इन्ही कोमल भावनाओ को सजग कर, आपसी सम्बन्धो को मजबूती प्रदान करते है। इनके पीछे का यही विज्ञान है।

साथियों बात अगर हम करवा चौथ व्रत संबंधी कथाओं व मान्यताओं की करें तो…
(1) एक अन्‍य मान्यता के अनुसार करवा चौथ व्रत रखने की शुरुआत मुख्य रूप से भारत के उत्तर पश्चिमी क्षेत्र के राज्यों से शुरू हुई थी। दरअसल, राजाओं के शासन के समय जब मुगलों ने आक्रमण किया था तब अपने राज्य की रक्षा के लिए कई सैनिकों ने युद्ध किया था उस समय उनकी पत्नियों ने अपने-अपने पति की सुरक्षा और कल्याण के लिए प्रार्थना करते हुए पूरे दिन निर्जला व्रत किया था। तब से पति की लंबी उम्र की कामना करने के लिए सुहागिन महिलाओं द्वारा करवा चौथ व्रत रखने की परंपरा चली आ रही है। विशेष रूप से यह व्रत पंजाब में किया जाता है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश, दिल्ली हरियाणा, मध्य प्रदेश और राजस्थान में करवा चौथ मनाया जाता है।

(2) प्राचीन कथाओं के अनुसार करवा चौथ व्रत रखने की परंपरा देवताओं के समय से चली आ रही है। दरअसल, एक बार देवताओं और दानवों में युद्ध शुरू हो गया। देवता युद्ध में हारने लगे तो वे रक्षा की गुहार लेकर ब्रह्मदेव के पास पहुंचे, तब ब्रह्मदेव ने इस संकट से बचने के लिए सभी देवताओं की पत्नियों से कहा कि वे अपने-अपने पतियों के लिए व्रत रखें और सच्चे दिल से उनकी विजय के लिए प्रार्थना करें। यह देवताओं को युद्ध में जीत दिलाएगा, इसके बाद देवताओं की पत्नियों ने करवा चौथ व्रत रखा और देवताओं की युद्ध में जीत हुई, उसी समय चांद भी निकल आया था और तभी देव पत्नियों ने अपना व्रत खोला था इसलिए चांद देखकर व्रत खोलने की परंपरा है।

साथियों बात अगर हम करवा चौथ व्रत के मन्त्रोंपचार की करें तो, करवा चौथ माता के मंत्र ॐ चतुर्थी देव्यै नम:, ॐ गौर्ये नम:, ॐ शिवायै नम:।। ॐ नम: शिवाय शर्वाण्यै सौभाग्यं संतति शुभाम्। प्रयच्छ भक्तियुक्तानां नारीणां हरवल्लभे।।’
ये मंत्र बोलकर प्रणाम करें
नमो देव्यै महादेव्यै शिवाय सततं नम:। नम: प्रकृत्यै भद्रायै नियता: प्रणता: स्मृताम्॥ करकं क्षीरसंपूर्णा तोयपूर्णमयापि वा। ददामि रत्नसंयुक्तं चिरंजीवतु मे पतिः॥ इति मन्त्रेण करकान्प्रदद्याद्विजसत्तमे। सुवासिनीभ्यो दद्याच्च आदद्यात्ताभ्य एववा

एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी : संकलनकर्ता, लेखक, कवि, स्तंभकार, चिंतक, कानून लेखक, कर विशेषज्ञ

अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि दुनिया के अनेक देशों में मनाया जाने वाला, सुहागिनों के पति की दीर्घायु की कामना का पर्व करवा चौथ। वैश्विक स्तर पर मनाए जाने वाले भारतीय त्योहार करवा चौथ उत्सव 20 अक्टूबर 2024- पत्नी की नितांत निजी भावनाओं की सार्वजनिक अभिव्यक्ति। करवा चौथ पति की लंबी उम्र की कामना, उसके प्रति स्नेह को मज़बूत करने, एक दिन अन्न, जल का त्याग कर भावनाओं की सार्वजनिक अभिव्यक्ति है।

(स्पष्टीकरण : इस आलेख में दिए गए विचार लेखक के हैं और इसे ज्यों का त्यों प्रस्तुत किया गया है।)

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