साहित्यडीपी सिंह की कुण्डलिया Posted on January 31, 2021 by admin फिर से आए बुद्ध तो, फिर होगा इक बार। हिंसक पशु के सामने, हिन्दू ही लाचार।। हिन्दू ही लाचार, सामने खंजर होंगे। और शौर्य के खेत, दुबारा बंजर होंगे।। भारत में हों वीर, महाराणा, दाहिर-से। हमें चाहिए कृष्ण, राम, लक्ष्मण ही फिर से।। हावड़ा मैदान में खुला जेनेरिक मेडिसिन की दुकान दिलबर, दिलबर और कमरिया के बाद इस गाने से आग लगाएंगी साकी गर्ल नोरा फतेही