बिहार के लखीसराय का 97 वर्ष पुराना श्री युवक पुस्तकालय

राजीव कुमार झा, लखीसराय : पुस्तकालय अध्ययन – ज्ञानार्जन के अलावा गोष्ठी संवाद और विमर्श के भी केंद्र हैं। लखीसराय के श्री युवक पुस्तकालय की चर्चा इस प्रसंग में समीचीन है और यहाँ विभिन्न कोटि की महत्वपूर्ण पुस्तकों का सुंदर संग्रह है। साहित्य की विभिन्न विधाओं यथा कहानी, नाटक, उपन्यास के अलावा निबंध और अन्य साहित्येतर विषयों की पुस्तकें इस पुस्तकालय में उपलब्ध है। यहाँ इनसाइक्लोपीडिया ब्रिटेनिका के सभी खंडों के अलावा वेद, उपनिषद और रामायण, महाभारत इन प्राचीन पुस्तकों का भी संग्रह है।

हिंदी साहित्य से जुड़े 10,000 से अधिक पुस्तकें पुस्तकालय में मौजूद है। यह पुस्तकालय शाम को चार बजे से लेकर रात को आठ बजे तक खुला रहता है। इसके वाचनालय में हिंदी, अँग्रेजी के प्रमुख समाचार पत्रों के अलावा पत्र पत्रिकाएँ भी उपलब्ध है। सन् 1924 ई. में लखीसराय बाजार के खेतान मारवाड़ी परिवार के द्वारा स्टेशन के पास शहीद द्वार के बगल में स्थापित इस पुस्तकालय को बिहार सरकार के द्वारा अनुमंडल पुस्तकालय का दर्जा भी प्रदान किया गया है मगर देखरेख और जागरूकता के अभाव में पुस्तकालय की स्थिति ठीक नहीं है।

 

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