उत्तर प्रदेश के 922 गांव बाढ़ से प्रभावित

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में बाढ़ की स्थिति में मामूली सुधार हुआ है लेकिन अब भी राज्य के 19 जिलों के 900 से ज्यादा गांव सैलाब से प्रभावित हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस प्राकृतिक आपदा की वजह से हुए फसलों के नुकसान का आकलन कराकर जल्द कृषि निवेश अनुदान उपलब्ध कराने के आदेश दिए हैं।

प्रदेश के राहत आयुक्त संजय गोयल ने बुधवार को बताया कि राज्य में बाढ़ प्रभावित गांवों की संख्या 1000 से घट गई है, मगर अब भी प्रदेश के 19 जिलों अंबेडकर नगर, अयोध्या, आजमगढ़, बहराइच, बलिया, बाराबंकी, बस्ती, देवरिया, फर्रूखाबाद, गोण्डा, गोरखपुर, कासगंज, लखीमपुर खीरी, कुशीनगर, मऊ, संतकबीर नगर, शाहजहांपुर, श्रावस्ती तथा सीतापुर में 922 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं। इनमें से 571 गांव पूरी तरह बाढ़ से घिरे हुए हैं।

उन्होंने बताया कि बाढ़ के कारण सैकड़ों हेक्टेयर फसल डूब गई है मुख्यमंत्री ने प्रभावित सभी जिलों के जिलाधिकारियों को आदेश दिए हैं कि वे बाढ़ से फसलों को हुए नुकसान का फौरन सर्वेक्षण कराएं और जिन किसानों की फसलें बाढ़ की वजह से नष्ट हुई हैं उन्हें जल्द से जल्द कृषि निवेश अनुदान उपलब्ध कराया जाए।

गोयल के मुताबिक मुख्यमंत्री ने यह भी आदेश दिए हैं कि बाढ़ ‘शरणालय’ में रह रहे लोगों के लिए सामाजिक दूरी के उचित नियमों का अनुपालन सुनिश्चित किया जाए और भोजन आदि की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाए। मुख्यमंत्री ने बाढ़ से विस्थापित पशुओं की उचित देखभाल का भी निर्देश दिया।

गोयल ने बताया कि बाढ़ पीड़ितों के ठहरने के लिए राज्य में 373 शरणालयों तथा 784 बाढ़ चौकियों की स्थापना की गई है। राहत एवं बचाव कार्य के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) सहित विभिन्न बलों की कुल 29 टीमें लगाई गई हैं।

उन्होंने बताया कि प्रदेश में इस वक्त शारदा और घाघरा नदियां अलग-अलग स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। शारदा नदी पलियाकलां (लखीमपुर खीरी) में जबकि घाघरा नदी एल्गिनब्रिज (बाराबंकी), अयोध्या तथा तुर्तीपार (बलिया) में खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *