55वीं विश्व आर्थिक मंच बैठक दावोस स्विट्जरलैंड 20-24 जनवरी 2025 का आगाज @ भारत अमेरिका का डंका

वैश्विक नवोन्मेष, तकनीकी अग्रदूतों व यूनिकॉर्न विशेषज्ञों के चर्चा सत्र विश्व आर्थिक मंच में मुख्य विषय बुद्धिमान युग के लिए सहयोग था
वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम हर वर्ष सदस्य देशों को प्रौद्योगिकीय प्रगति व भू-आर्थिक बदलावों के युग में अपने नेतृत्व को स्थापित व सहयोग को बढ़ावा देने का अवसर है- अधिवक्ता के. एस. भावनानी

अधिवक्ता किशन सनमुखदास भावनानी, गोंदिया, महाराष्ट्र। वैश्विक स्तर पर डिजिटल युग में विकसित होती प्रौद्योगिकी टेक्नोलॉजी यूनिकॉर्न में जहां एक ओर दुनिया में प्रतिस्पर्धा सृजित की है, तो दूसरी ओर अनेक समस्याएं भी उत्पन्न हुई है, इसलिए विश्व आर्थिक मंच एक दिशा प्रदान करने व अपने-अपने देश की उन्नत प्रौद्योगिकी तकनीकी को प्रस्तुत कर निवेशकों को आकर्षित करता है, इसलिए दुनिया को अर्थव्यवस्था के लिए स्विट्जरलैंड के शहर दावोस में विश्व आर्थिक मंच की बैठक 20-24 जनवरी 2025 तक हुई। जिसमें दुनिया के 130 देशों के 2700 नेता शामिल हुए जिसमें 52 देशों के प्रमुख शामिल। इस बार दुनिया की अर्थव्यवस्था के प्रमुख मुद्दों में जलवायु परिवर्तन और रूस यूक्रेन युद्ध भी प्रमुख रूप से शामिल थे।कोविड-19 महामारी के कारण यह बैठक दो साल नहीं हुई और उसके बाद यह पहली बैठक हुई। इस साल की थीम कॉऑपरेशन फॉर सस्टेनेबल ग्रोथ एंड शेयर्ड प्रोस्पायरीटी यानि संधारणीय वृद्धि और साझा सम्पन्नता के लिए सहयोग रखी गई। विश्व आर्थिक मंच स्विट्जरलैंड में स्थित गैरलाभकारी अंतरराष्ट्रीय संस्था है जिसका मकसद दुनिया के वैश्विक व्यवसाय, राजनीति, शैक्षिक और अन्य संबधित क्षेत्र में प्रमुख लोगों को एक मंच पर लाने का काम करना है जिससे दुनिया की वैश्विक, क्षेत्रीय और औद्योगिक दिशा तय हो सके।

इसकी नींव साल 1971 में स्विस जर्मन अर्थशास्त्री और प्रोफेसर क्लॉस श्वाब ने रखी थी। दुनिया में राजनैतिक सामाजिक और राजनैतिक मुद्दों पर सहयोग करना मंच के मुख्य लक्ष्यों में से एक है, मंच का मानना है कि विकास तब होता है जब जीवन के सभी क्षेत्रों के लोगों को साथ आते हैं जिनमें सकारात्मक बदलाव लाने की क्षमता होती है। शुरुआत में इसे यूरोपीय प्रबंधन मंच कहा जाता था, और बाद में इसका नाम बदलकर 1987 में विश्व आर्थिक मंच कर दिया गया। इसके साथ ही इसे विश्व के अंततरराष्ट्रीय विवादों को सुलझाने का मंच भी बना दिया गया। आधिकारिक तौर पर यह एक सम्मेलन होता है जहां लंबी चर्चाएं और वार्ताएं होती हैं जिसमें विश्व अर्थव्यव्यवस्था से लेकर तनाव प्रबंधन के नजरिए तक को शामिल किया जाता है। इस मंच पर देशों के प्रमुख और कॉर्पोरेट नेतृत्व मिल कर द्विपक्षीय और बहुपक्षीय चर्चाएं करते हैं। इसलिए आज हम मीडिया में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आलेख के माध्यम से चर्चा करेंगे, 55वीं विश्व आर्थिक मंच वार्षिक बैठक दावोस स्विट्जरलैंड 20-24 जनवरी 2025 का आगाज @ भारत अमेरिका का डंका।

साथियों बात अगर हम विश्व आर्थिक मंच दावोस में भारत के प्रतिनिधित्व व संबोधन की करें तो केंद्रीय मंत्री अश्विनी ने भारत का प्रतिनिधित्व किया। यह आयोजन भारत के समावेशी विकास और डिजिटल परिवर्तन को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत करने का एक महत्वपूर्ण अवसर था केंद्रीय मंत्री ने दुनिया के सामने भारत के विकास का नया विजन प्रस्तुत किया। उन्होंने ग्लोबल इंडस्ट्री लीडर्स के साथ मुलाकात कर भारतीय रेलवे के सुधार, इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट और मेड-इन-इंडिया उत्पादों पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि पीएम का लक्ष्य भारत को वैश्विक स्तर पर एक अग्रणी राष्ट्र बनाना है। उन्होंने बताया कि दुनिया भर में मेड-इन-इंडिया उत्पादों को लेकर उत्साह है और भारत वैश्विक मैन्युफैक्चरिंग हब बनने की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है। उन्होंने बताया कि दावोस में डब्लूईएफ 2025 में भागीदारी, भारत के आर्थिक और सतत विकास लक्ष्यों को पूरा करने के लिए वैश्विक अनुभव और तकनीक अपनाने का उदाहरण है।

वर्ल्ड इकोनाॅमिक फोरम 2025 में भारत के छह राज्य-आंध्र प्रदेश, केरल, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश ने भी भाग लिया। इन राज्यों ने अपनी विकास योजनाएं और निवेश के अवसर प्रस्तुत किए। अश्विनी वैष्णव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर जानकारी साझा करते हुए कहा कि स्विस विशेषज्ञों के साथ हुई चर्चा से भारतीय रेलवे में सुरक्षा और दक्षता को बढ़ावा मिलेगा। इसी दौरान उन्होंने कहा कि सरकार ने देश में कानूनों को सरल बनाने पर जोर दिया है, इसका फायदा टेलीकॉम सेक्टर में मिला है। भारत की इकोनॉमिक ग्रोथ 6 से 8 प्रतिशत बनी हुई है। उन्होंने कहा कि पीएम की सरकार का नियमों को सरल बनाने का मुख्य एजेंडा मेक इन इंडिया, मेड फॉर द वर्ल्ड की रणनीति पर चलना है। सरकार ने कौशल विकास से लेकर सशक्तिकरण पर जोर दिया है।

पीएम के नेतृत्च में भारत ने अपना फोकस देश के इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर करने पर किया है। देश में रेलवे, रोड और कॉलेज वगैरह का तेजी से निर्माण हुआ है, इतना ही नहीं भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम बन चुका है, जहां 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न हैं। दावोस में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने अपने राज्य को भारत की पहली 1 ट्रिलियन स्टेट इकोनॉमी के तौर पर शोकेस किया। इसका फायदा भी महाराष्ट्र को मिला और यहां उन्होंने कुल 15.7 लाख करोड़ रुपए के इंवेस्टमेंट एमओयू साइन किए, इसमें रिलायंस इंडस्ट्रीज के साथ हुआ 3.05 लाख करोड़ रुपए का निवेश प्रस्ताव शामिल है, इससे राज्य के अलग-अलग सेक्टर में कुल 3 लाख रोजगार पैदा होने की उम्मीद है, इसके अलावा अमेजन वेब सर्विस ने भी 71,000 करोड़ रुपए से अधिक के निवेश की बात विशेष रूप से कही है।

साथियों बात अगर हम विश्व आर्थिक मंच को अमेरिका के राष्ट्रपति द्वारा दिनांक 23 जनवरी 2024 को वर्चुअल संबोधन की करें तो, ट्रंप ने कहा, भाग्य से मैं तब राष्ट्रपति बना हूं जब विश्व कप और ओलंपिक अमेरिका में होंगे। अमेरिका 2026 में फीफा विश्व कप और 2028 में ओलंपिक की मेजबानी करेगा, तब ट्रंप राष्ट्रपति होंगे। ट्रंप ने कहा, किसने सोचा था कि एक कार्यकाल छोड़ने के बाद मुझे ओलंपिक में भाग लेने का मौका मिलेगा। उन्होंने कहा कि यह हुआ, भाग्य के कारण या आप इसे जो भी कहें, मैं विश्व कप, ओलंपिक और अमेरिका की 250वीं वर्षगांठ के दौरान राष्ट्रपति रहूंगा। ट्रंप ने बृहस्पतिवार को डब्ल्यूईएफ की वार्षिक बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि वह जल्द से जल्द रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध को खत्म करने की कोशिश करेंगे। उन्होंने कहा कि यह जल्द ही होगा। उन्होंने यूक्रेन को कत्ल का मैदान बोला और कहा कि अब इस युद्ध के समाप्त होने का समय आ गया है।

ट्रंप ने कहा कि वे सऊदी अरब और ओपेक को तेल की कीमत कम करने के लिए कहेंगे, क्योंकि ऐसा होने पर तुरंत रूस-यूक्रेन युद्ध समाप्त हो जाएगा। ट्रंप ने कहा कि अमेरिका का स्वर्णिम दौर शुरू हो गया है, हमारा देश जल्दी ही पहले से अधिक मजबूत, एकजुट और संपन्न बनेगा। उन्होंने साथ ही विश्व व्यापार जगत के नेताओं से कहा कि वे संयुक्त राज्य अमेरिका में विनिर्माण करें, अन्यथा उन्हें टैरिफ का सामना करना पड़ सकता है। आओ अमेरिका में अपना उत्पाद बनाएं और हम आपको दुनिया के किसी भी देश के सबसे कम टैक्स में से एक देंगे, लेकिन अगर आप अपना उत्पाद अमेरिका में नहीं बनाते हैं, जो आपका विशेषाधिकार है, तो बहुत सरलता से आपको टैरिफ का भुगतान करना होगा। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए वार्षिक बैठक को संबोधित करते हुए ट्रंप ने कहा कि उनके प्रशासन ने चार दिनों में वह हासिल कर लिया, जो अन्य सरकारें चार साल में भी हासिल नहीं कर सकीं।

एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी : संकलनकर्ता, लेखक, कवि, स्तंभकार, चिंतक, कानून लेखक, कर विशेषज्ञ

अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन करें इसका विश्लेषण करे तो हम पाएंगे कि 55वीं विश्व आर्थिक मंच बैठक दावोस स्विट्जरलैंड 20- 24 जनवरी 2025 का आगाज @भारत अमेरिका का डंका। वैश्विक नवोन्मेष, तकनीकी अग्रदूतों व यूनिकॉर्न विशेषज्ञों के चर्चा सत्र विश्व आर्थिक मंच में मुख्य विषय बुद्धिमान युग के लिए सहयोग था। वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम हर वर्ष सदस्य देशों को प्रौद्योगिकीय प्रगति व भू-आर्थिक बदलावों के युग में अपने नेतृत्व को स्थापित व सहयोग को बढ़ावा देने का अवसर है।

(स्पष्टीकरण : इस आलेख में दिए गए विचार लेखक के हैं और इसे ज्यों का त्यों प्रस्तुत किया गया है।)

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